देश की खबरें | लोकसभा चुनाव: सीट बंटवारे को लेकर एमवीए के घटक दलों और वीबीए की बैठक
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. देश में आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) के घटक दल कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने सीट बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से बुधवार को मुंबई में चर्चा की।
मुंबई, छह मार्च देश में आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) के घटक दल कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने सीट बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से बुधवार को मुंबई में चर्चा की।
तीनों गठबंधन सहयोगियों ने प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाले वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) को बातचीत के लिये आमंत्रित किया।
शहर के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) इलाके के एक निजी होटल में आयोजित यह बैठक लगभग तीन घंटे तक चली। बैठक में क्या बातचीत हुई इसका हालांकि तत्काल पता नहीं चल सका है।
महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं जो उत्तर प्रदेश की 80 सीटों के बाद सबसे ज्यादा लोकसभा सदस्यों को चुनने वाला राज्य है।
एमवीए के घटक दल - कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) समेत तीनों दलों के बीच सीट के बंटवारे पर सहमति बनाने के लिए कई दिनों से गहन बातचीत चल रही है।
एमवीए की बैठक से पहले यहां मुंबई में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने बातचीत के लिए आंबेडकर से अलग से मुलाकात की।
आंबेडकर ने पहले ही सांगली और वर्धा लोकसभा क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जहां आम तौर पर कांग्रेस चुनाव लड़ती है।
वीबीए हालांकि 2019 के चुनाव में एक भी लोकसभा या विधानसभा सीट जीतने में असफल रही थी।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अविभाजित शिवसेना ने 18 सीट जीती थीं और वह इस बार इतनी ही सीटों पर चुनाव लड़ने पर अड़ी हुई है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने पहले ही संकेत दिया है कि उनकी पार्टी कुछ सीट के आदान-प्रदान की इच्छा रखती है, लेकिन पार्टी द्वारा उन निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या कम करने की संभावना नहीं है जहां से वह लड़ना चाहती है।
राउत और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के नेता एवं विधायक जितेंद्र आव्हाड ने सार्वजनिक रूप से आंबेडकर से अपील की है कि वे ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फायदा हो।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक एमवीए के तीनों सहयोगी मत विभाजन की किसी भी आशंका से बचने के लिए आंबेडकर को अपने पक्ष में रखना चाहते हैं।
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