रावत ने कहा, ‘‘कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं । यद्यपि उत्तराखंड में हम कुछ हद तक इस को रोक पाने में सफल हुए हैं, हमारे कुछ राज्य इससे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं । इसलिए मैं नहीं सोचता कि अभी लॉकडाउन खत्म करने का समय है ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कई प्रबुद्ध लोग लगातार सुझाव दे रहे हैं कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए ताकि हम कोविड 19 के संक्रमण से मुक्त हो सकें ।’’
रावत ने कहा कि उत्तराखंड में महामारी अभी पहले चरण में ही है जहां अब तक कुल 35 लोग कोरोना संक्रमित पाए गये हैं और इनमें वे लोग हैं जो या तो विदेश यात्रा करके आए हैं या प्रदेश के बाहर से आये तबलीगी जमात से जुड़े लोग हैं।
रावत ने कहा, ‘‘हमारे पहाड़ी जिलों से सौभाग्य से अभी तक एक भी कोरोना मामले की पुष्टि नहीं हुई है । अल्मोड़ा में कोरोना संक्रमित निकला व्यक्ति जमात का सदस्य था और पौड़ी में जिस व्यक्ति में बीमारी की पुष्टि हुई, वह स्पेन की यात्रा करके लौटा था ।’’
उत्तराखंड में हाल में कोरोना के मामलों में अचानक हुई वृद्धि का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून और हरिद्वार जिलों में करीब आधा दर्जन गांवों और मोहल्लों को सील करने के बाद स्थिति अब बेहतर हुई है । इन जगहों पर जमातियों ने शरण ले रखी थी ।
उन्होंने कहा कि अपना यात्रा विवरण छुपाकर अपनी और दूसरों की जान को खतरे में डालने वले जमातियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज करने के बाद वे खुद अधिकारियों के सामने आने लगे हैं ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी एम्स ऋषिकेश और हल्द्वानी में सरकारी मेडिकल कालेज और अस्पताल में दो जांच प्रयोगशालाओं में नियमित रूप से प्रतिदिन 110 मामलों की जांच की जा रही है । उन्होंने कहा कि राज्य में जांच प्रयोगशालाओं की संख्या को बढ़ाने के लिए कुछ और अस्पतालों को जोड़ने के प्रयास भी किए जा रहे हैं ।
यह पूछे जाने पर कि क्या बाजार से जरूरी वस्तुओं को खरीदने के लिए दी गयी सुबह सात से दोपहर एक बजे तक की अवधि को कम किया जायेगा, रावत ने कहा कि इसे कम करने से भीड़ बढ़ेगी और भौतिक दूरी के नियम का पालन कठिन हो जाएगा ।
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