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- पहली बार तालिबान सरकार के विदेश मंत्री भारत पहुंचे
पहली बार तालिबान सरकार के विदेश मंत्री भारत पहुंचे
अफगानिस्तान के तालिबान शासन में विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी गुरुवार, 9 अक्टूबर को नई दिल्ली पहुंच गए. अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद किसी वरिष्ठ तालिबान नेता की यह पहली आधिकारिक भारत यात्रा है. यह दौरा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की विशेष अनुमति के बाद संभव हुआ, जिसने मुत्ताकी पर लगे यात्रा प्रतिबंध को अस्थायी रूप से हटाया. इस यात्रा के दौरान मुत्ताकी की मुलाकात भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से होने की संभावना है. माना जा रहा है कि बातचीत में मानवीय सहायता, व्यापार सहयोग, राजनयिक सेवाएं और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी. यह यात्रा भारत और तालिबान के बीच बढ़ते संवाद की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है.
ट्रंप: इस्राएल और हमास गाजा शांति योजना के पहले चरण पर सहमत हुए
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर एक ऐतिहासिक घोषणा की है किइस्राएल और फलस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास ने उनकी गाजा शांति योजना के पहले चरण पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.
यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब मिस्र में दोनों पक्षों के बीच दो साल पुराने युद्ध को समाप्त करने के लिए अप्रत्यक्ष वार्ता चल रही थी. ट्रंप की 20-सूत्रीय योजना के तहत पहले चरण में सभी बंधकों की शीघ्र रिहाई और इस्राएली सेना की सीमित वापसी शामिल है. ट्रंप ने इसे "मजबूत, टिकाऊ और स्थायी शांति की दिशा में पहला कदम" बताया.
इस समझौते में कतर, मिस्र और तुर्की जैसे देशों ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई है. इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने इसे राजनयिक सफलता करार दिया, जबकि हमास ने इसे अपने लोगों की कुर्बानियों का सम्मान बताया. हालांकि यह शुरुआत उत्साहजनक है, लेकिन गाजा के प्रशासन, हमास के निरस्त्रीकरण और स्थायी युद्धविराम जैसे मुद्दों पर अभी सहमति बनना बाकी है.
हमास ने उन फलस्तीनी कैदियों की एक सूची सौंपी थी जिन्हें वह युद्धविराम के पहले चरण में इस्राएली जेलों से रिहा कराना चाहता है.
बदले में, हमास उन बचे 47 बंधकों को (जीवित और मृत दोनों) रिहा करने वाला है, जिन्हें 7 अक्टूबर, 2023 को इस्राएल पर हुए हमले में बंधक बना लिया गया था, जिसके कारण युद्ध छिड़ गया था. दो साल से गाजा में लड़ाई जारी है और अब शांति की उम्मीद जगी है.












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