Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में हल्की बर्फबारी से घाटी में शुष्क मौसम का दौर थमा
जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा जिले के गुरेज सेक्टर में रात भर हल्की बर्फबारी होने के बाद घाटी में लंबे समय से जारी शुष्क मौसम के दौर पर विराम लग गया है और कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान में कुछ डिग्री की वृद्धि देखी गई.
श्रीनगर, 13 जनवरी : जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा जिले के गुरेज सेक्टर में रात भर हल्की बर्फबारी होने के बाद घाटी में लंबे समय से जारी शुष्क मौसम के दौर पर विराम लग गया है और कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान में कुछ डिग्री की वृद्धि देखी गई. अधिकारियों ने शनिवार को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार रात एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण उत्तरी कश्मीर के गुरेज इलाके में हल्की बर्फबारी हुई. उन्होंने बताया कि लद्दाख के द्रास में भी बहुत हल्की बर्फबारी हुई लेकिन वहां बर्फ जमा नहीं हुई. जम्मू-कश्मीर में दिसंबर में 79 फीसदी बारिश की कमी दर्ज की गई. जनवरी के पहले सप्ताह में भी बारिश नहीं हुई. घाटी के कई हिस्सों में बादल छाए रहने के कारण न्यूनतम तापमान में वृद्धि देखी गई. रात का तापमान सामान्य से कई डिग्री अधिक रहा.
श्रीनगर में शुक्रवार रात न्यूनतम तापमान 0.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछली रात के तापमान शून्य से चार डिग्री सेल्सियस नीचे से अधिक है. काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से दो डिग्री नीचे दर्ज किया गया. गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से एक डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो बृहस्पतिवार रात के तापमान शून्य से 3.2 डिग्री सेल्सियस नीचे से अधिक था. दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो पिछली रात के तापमान शून्य से 5.3 डिग्री सेल्सियस नीचे से अधिक था. कोकेरनाग शहर में न्यूनतम तापमान शून्य से 1.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि कुपवाड़ा में यह शून्य से 0.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. यह भी पढ़ें : Assam Bad Weather: असम में ख़राब मौसम का असर, मुंबई से गुवाहाटी जाने वाली IndiGo की विमान ढाका के लिए डायवर्ट
कश्मीर वर्तमान में ‘‘चिल्लै कलां’’ की चपेट में है, जब 40 दिनों तक भीषण ठंड रहती है. इस दौरान क्षेत्र में शीत लहर चलती है और तापमान में काफी गिरावट आती है, जिससे जलस्त्रोतों के साथ-साथ पाइपों में भी पानी जम जाता है. इस दौरान बर्फबारी की संभावना अधिक होती है और ज्यादातर इलाकों में खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में खूब बर्फबारी होती है. ‘‘चिल्लै कलां’’ की अवधि 31 जनवरी को खत्म हो जाएगी. हालांकि, उसके बाद 20 दिन के ‘चिल्ला-ए-खुर्द’ और 10 दिन के ‘चिल्ला-ए-बच्चा’ के साथ ठंड की स्थिति बनी रहेगी.