JNU में फिल्म ‘साबरमती रिपोर्ट’ के प्रदर्शन के दौरान वामपंथियों ने दर्शकों पर किया पथराव: एबीवीपी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ के प्रदर्शन के दौरान वामपंथी छात्र समूह ने पथराव कर प्रदर्शन को बाधित करने का प्रयास किया.
नयी दिल्ली, 13 दिसंबर : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ के प्रदर्शन के दौरान वामपंथी छात्र समूह ने पथराव कर प्रदर्शन को बाधित करने का प्रयास किया. एबीवीपी की जेएनयू इकाई के अध्यक्ष राजेश्वर कांत दुबे ने दावा किया कि वामपंथी छात्र समूह ने पहले पर्चे और व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से लोगों को फिल्म देखने से रोका, लेकिन इसके बावजूद बृहस्पतिवार को बड़ी संख्या में दर्शक फिल्म देखने के लिए एकत्र हुए तो वहां ‘‘पथराव’’ किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना में कुछ छात्रों को मामूली चोट पहुंची हैं. दुबे ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन को इसकी शिकायत दे दी गई है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध संगठन एबीवीपी दिल्ली पुलिस से भी इ, मामले की शिकायत कर सकती है.
दुबे ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया, ‘‘हमने साबरमती ढाबे पर फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ को बृहस्पतिवार को दिखाने की योजना बनाई थी. हमारा उद्देश्य उस सच्चाई को सबके सामने लाना था जिसे कुछ समूहों ने 20 साल से भी ज्यादा समय से छिपा रखा था, लेकिन ये समूह इसे स्वीकार नहीं कर पाए इसलिए उन्होंने सुबह से ही छात्रों को फिल्म के प्रदर्शन में शामिल होने से रोकने के लिए पर्चे और व्हाट्सएप संदेश प्रसारित करना शुरू कर दिया. हमारे पास कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सभी जरूरी अनुमति थी.’’ उन्होंने बताया, ‘‘जब इन समूहों ने देखा कि हजारों छात्र फिल्म देखने के लिए एकत्र हुए हैं तो उन्होंने फिल्म प्रदर्शन को बाधित करने के लिए पथराव करना शुरू कर दिया.’’ यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री समझ नहीं पाए कि संविधान ‘संघ का विधान’ नहीं है, देश उठेगा और लड़ेगा: प्रियंका
दुबे ने दावा किया कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के प्रदर्शन को भी बाधित करने के लिए इसी तरह की कोशिश की गई थी. दूसरी ओर, जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) और संबद्ध वामपंथी समूहों ने एबीवीपी के इन आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि एबीवीपी ने केवल लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए यह हथकंडा अपनाया है. जेएनयूएसयू के अध्यक्ष धनंजय ने एबीवीपी के इन आरोपों को एक ‘‘असफल’’ प्रयास कारर देते हुए कहा कि फिल्म का प्रचार करने के लिए यह सब किया गया. विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक इस घटना के संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.