देश की खबरें | ‘इंडिया’ के घटक दलों के नेताओं ने लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर चर्चा की

नयी दिल्ली, छह दिसंबर विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के संसदीय दल के नेताओं ने बुधवार को यहां बैठक की जिसमें हालिया विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद की स्थिति और 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आगे की रणनीति पर चर्चा की गई।

कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर आयोजित बैठक में कांग्रेस से खरगे, राहुल गांधी और जयराम रमेश, द्रमुक के टी.आर. बालू, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, जावेद अली खान एवं एस.टी. हसन, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा, जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, राष्ट्रीय जनता दल के फैयाज अहमद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की वंदना चव्हाण , राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी , झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ मांझी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विश्वम तथा कुछ अन्य नेता शामिल हुए।

बैठक से पहले राघव चड्ढा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चर्चा 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर होगी। ‘इंडिया’ गठबंधन को कैसे आगे लेकर जाना है, किसी को हराने के लिए नहीं, बल्कि महंगाई, बेरोजगारी जैसे रोग को खत्म कर देश को कैसे आगे लेकर जाना है, उस बारे में चर्चा की जाएगी।’’

उन्होने कहा, ‘‘हमारा यह प्रयास है कि 2024 में एक ऐसा ब्लूप्रिंट दिया जाए जिससे देश और आगे बढ़े।’’

गठबंधन के कुछ घटक दलों के प्रमुख नेताओं की अनुपलब्धता के चलते अब संसदीय दल के नेताओं की समन्वय बैठक हुई है। प्रमुख नेताओं की बैठक इस महीने के तीसरे सप्ताह में होगी।

यह बैठक ऐसे समय हुई, जब मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस ने तेलंगाना में जीत दर्ज की है।

चुनावी हार के बाद ‘इंडिया’ गठबंधन के कुछ घटक दलों ने कांग्रेस पर सवाल खड़े किए।

अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का मुकाबला करने के लिए 26 विपक्षी दलों ने ‘इंडिया’ गठबंधन बनाया है।

‘इंडिया’ गठबंधन की अब तक तीन बैठक पटना, बेंगलुरु और मुंबई में हो चुकी हैं। गठबंधन के घटक दलों के नेताओं की मुंबई में हुई बैठक में गठबंधन के भविष्य के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने के लिए 14 सदस्यीय समन्वय समिति का गठन किया गया था।

समन्वय समिति विपक्षी गठबंधन की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था के रूप में कार्य करेगी।

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