देश की खबरें | महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने नयी विशेषाधिकार समिति के गठन पर आपत्ति जताई

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि निचले सदन की विशेषाधिकार समिति का गठन स्वाभाविक न्याय के नियमों और सिद्धांतों के अनुसार नहीं किया गया है।

मुंबई, दो मार्च महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि निचले सदन की विशेषाधिकार समिति का गठन स्वाभाविक न्याय के नियमों और सिद्धांतों के अनुसार नहीं किया गया है।

उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से समिति के पुनर्गठन का अनुरोध किया है।

महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के विधायक राहुल कुल की अध्यक्षता में 2023-24 के लिए निचले सदन की विशेषाधिकार समिति गठित की थी। इस दौरान, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत के विधानमंडल को कथित तौर पर “चोर मंडल” कहे जाने को लेकर हंगमा हुआ।

नार्वेकर ने विधानसभा में कहा था कि उन्होंने राउत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस स्वीकार कर लिया है। उन्होंने यह भी कहा था कि वह राउत की टिप्पणियों से संबंधित मामले की जांच कराएंगे और आठ मार्च को अपना फैसला सुनाएंगे। नार्वेकर ने राउत की टिप्पणियों को गंभीर और विधायिका का अपमान करार दिया।

इस 15 सदस्यीय समिति में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के तीन, कांग्रेस के दो, सत्तारूढ़ गठबंधन का समर्थन करने वाले दो निर्दलीय विधायक, एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के दो और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के छह विधायक शामिल हैं।

गौरतलब है कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े के किसी विधायक को समिति में जगह नहीं मिली।

राकांपा नेता पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि राउत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस सौंपने वाले विधायक अतुल भातखलकर विशेषाधिकार समिति के सदस्य हैं।

पवार ने कहा कि बुधवार को सदन में राउत के मुद्दे पर विचार व्यक्त करने वाले संजय शिरसाट, नितेश राणे और आशीष जायसवाल भी समिति के सदस्य हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने समिति के पुनर्गठन की मांग करते हुए कहा कि इसकी वर्तमान संरचना प्राकृतिक न्याय के नियमों और सिद्धांतों के हिसाब से ठीक नहीं है।

लेकिन, भाजपा के नेता आशीष शेलार ने कहा कि समिति का गठन नियमानुसार है। इस मुद्दे पर बोलने वाले सदस्यों को नहीं पता था कि वे समिति का हिस्सा बनने जा रहे हैं।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\