नयी दिल्ली, 17 अगस्त दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2019 में यहां तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच हुई झड़प के संबंध में अपनी जांच पूरी करने के लिए न्यायिक जांच आयोग को पांच महीने का समय और दिया है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि उसे अदालत द्वारा गठित आयोग के प्रमुख न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एस पी गर्ग से जांच पूरी करने के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध मिला है।
अदालत ने आठ अगस्त के अपने आदेश में कहा, ‘‘दिनांक 25 जुलाई के पत्र में किए गए अनुरोध से पता चलता है कि कुछ और समय की आवश्यकता है, इसलिए, न्याय के हित में जांच पूरी करने के लिए आज से पांच महीने और दिए जाते हैं।’’
जनवरी में, अदालत ने आयोग को कोविड-19 महामारी और जांच के लिए आवश्यक गवाहों की संख्या के मद्देनजर अपनी जांच समाप्त करने के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया था। अदालत ने अपने आदेश में दर्ज किया कि फॉरेंसिक रिपोर्ट मिलने के बाद 338 गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है तथा कुछ और गवाहों से पूछताछ किए जाने की संभावना है।
आयोग द्वारा 2020 में प्रस्तुत एक रिपोर्ट के अनुसार, उसने तब तक 124 गवाहों से पूछताछ की थी और कुछ अन्य से पूछताछ की जानी थी। दो नवंबर, 2019 को ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी और एक वकील के बीच पार्किंग को लेकर विवाद के बाद अदालत परिसर में दोनों पक्षों के बीच झड़प शुरू हो गई, जिसमें 20 से अधिक पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गए।
उच्च न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश के माध्यम से वकीलों को दो नवंबर की घटना के संबंध में दर्ज प्राथमिकी को लेकर किसी भी कार्रवाई से न्यायिक जांच जारी रहने तक राहत प्रदान की थी। इसी तरह का आदेश दो पुलिसकर्मियों के पक्ष में पारित किया गया था जिनके खिलाफ घटना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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