देश की खबरें | केरल में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के और प्रबल होने से कई इलाकों में भूस्खलन और जलभराव, रेड अलर्ट जारी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केरल में दस्तक देने के दो दिन बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून के और प्रबल होने से राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई तथा दक्षिण और मध्य जिलों में भूस्खलन, पेड़ों के उखड़ने एवं जलभराव की स्थिति देखने को मिली है।

तिरुवनंतपुरम, एक जून केरल में दस्तक देने के दो दिन बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून के और प्रबल होने से राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई तथा दक्षिण और मध्य जिलों में भूस्खलन, पेड़ों के उखड़ने एवं जलभराव की स्थिति देखने को मिली है।

कोट्टायम और इडुक्की जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में घंटों तक लगातार बारिश होने के कारण बड़े पैमाने पर तबाही हुई, जबकि भारी बारिश के कारण त्रिशूर जिले के निचले इलाकों में जलभराव हुआ और यातायात अवरूद्ध हो गया।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपनी मौसम चेतावनी को अद्यतन करते हुए शनिवार को त्रिशूर, मलप्पुरम और कोझिकोड जिलों के लिए ‘रेड’ अलर्ट जारी किया।

इडुक्की, पलक्कड़ और वायनाड जिले के लिए ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया गया और छह जिलों में ‘येलो’ अलर्ट जारी किया गया है।

रेड अलर्ट 24 घंटे में 20 सेंटीमीटर (सेमी) से अधिक की भारी से अत्यधिक भारी बारिश का संकेत देता है, जबकि ऑरेंज अलर्ट का मतलब 11 सेमी से 20 सेमी की बहुत भारी बारिश से है। येलो अलर्ट का आशय छह सेमी से 11 सेमी की भारी बारिश से है।

कोट्टायम, इडुक्की और एर्नाकुलम के कुछ हिस्सों में शुक्रवार रात से भारी बारिश हो रही है।

पहाड़ी जिले इडुक्की के अंदरूनी इलाकों में स्थित पूचपरा और कोलप्परा में भूस्खलन और पेड़ों के उखड़ने की सूचना मिली है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि भूस्खलन से कुछ मकान और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए, लेकिन किसी की जान जाने की सूचना नहीं है।

फसलें नष्ट हो गईं और स्थानीय लोगों द्वारा उपयोग की जाने वाली आंतरिक सड़कें पहाड़ी से विशाल चट्टानें गिरने से ना केवल क्षतिग्रस्त हो गईं, बल्कि रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं।

इडुक्की में मलंकारा बांध के पांच फाटक खोले जाने के बाद जिले के अधिकारियों ने थोडुपुझा और मुवत्तुपुझा नदियों के किनारे रहने वालों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

पड़ोसी कोट्टायम जिले के विभिन्न भागों में भारी बारिश के मद्देनजर मीनाचल और मणिमाला नदियों के निकट रहने वाले लोगों से भी सतर्क रहने का आग्रह किया गया है।

शुक्रवार शाम से कोट्टायम के कई हिस्सों में लगातार कई घंटों तक हुई बारिश के कारण जलभराव हो गया और यातायात अवरूद्ध हो गया।

अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार रात को वडावथूर क्षेत्र में 100 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई, जबकि कोट्टायम के शहरी क्षेत्रों में 99 मिमी बारिश हुई।

बंदरगाह शहर कोच्चि में हालांकि मध्यम बारिश हुई, लेकिन एर्नाकुलम के अलुवा क्षेत्र में 31 मई की रात से भारी बारिश हो रही है।

मौसम विभाग से मिली अद्यतन जानकारी के अनुसार, सुबह एर्नाकुलम, त्रिशूर और मलप्पुरम जिलों में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और 40 किलोमीटर (किमी) प्रति घंटे तक की रफ्तार से आंधी चलने की संभावना है।

तिरुवनंतपुरम, इडुक्की, कोझिकोड और कन्नूर जिलों में एक या दो स्थानों पर मध्यम बारिश होने की संभावना है।

त्रिशूर जिले में आज सुबह से भारी बारिश हो रही है, जिससे लोग बड़ी संख्या में बस अड्डों और रेलवे स्टेशन पर फंसे हुए हैं। शहर के विभिन्न हिस्सों में जलभराव और यातायात अवरूद्ध होने की सूचना है।

मौसम विभाग के अनुसार, त्रिशूर में मध्यम से तेज बारिश के साथ 40 किमी प्रति घंटे तक की गति से हवाएं चलने की संभावना है।

अधिकारियों ने लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया है क्योंकि प्रमुख सड़कों पर जलभराव और खराब दृश्यता के कारण यातायात अवरूद्ध हो सकता है। उन्होंने निचले इलाकों और नदी के किनारों के कई हिस्सों में बाढ़ की चेतावनी भी दी।

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने 30 मई को केरल और पूर्वोत्तर क्षेत्र में दस्तक दी थी। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बीते रविवार को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से टकराने वाले चक्रवात ‘रेमल’ ने मॉनसून को बंगाल की खाड़ी में खींच लिया था, जो पूर्वोत्तर में मॉनसून के जल्द दस्तक देने का एक कारण हो सकता है।

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