नयी दिल्ली, 29 मई: राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की एक समिति ने जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में उस क्षेत्र में निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है, जहां भूमि धंस रही है. साथ ही एनजीटी ने प्रभावित इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का भी सुझाव दिया है. फरवरी में कई घरों में दरारें आने के बाद अधिकारियों ने उनमें रह रहे परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था जबकि ठाठरी शहर की नयी बस्ती में एक मस्जिद और लड़कियों के लिए एक धार्मिक स्कूल को असुरक्षित घोषित भी कर दिया था. ऐसी ही स्थिति कुछ समय पहले उत्तराखंड के जोशीमठ में भी देखी गई थी, जहां भूमि धंसाव के कारण लोगों को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा था. यह भी पढ़ें: Earthquake Tremors In Assam: असम में भूकंप के झटके, रिक्टर पैमाने पर 4.4 तीव्रता
हालांकि अधिकारियों ने दोनों मामलों की तुलना करने से इनकार कर दिया. जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय समिति ने पिछले सप्ताह एनजीटी के समक्ष अपनी रिपोर्ट दाखिल की. समिति ने रिपोर्ट में सुझाव दिया कि प्रभावित क्षेत्र के बाहर के लोगों को उनके घरों में बड़ी दरारें उभरने पर तुरंत निकाला जाए.
रिपोर्ट में कहा गया है, “नयी बस्ती के प्रभावित क्षेत्र में और किसी सिविल निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती. आगामी मानसून के मौसम को देखते हुए, प्रभावित क्षेत्र को जिला प्रशासन की निगरानी में रखने की आवश्यकता है. अगर प्रभावित क्षेत्र के बाहर घरों में बड़ी दरारें दिखती हैं, तो उनमें रह रहे निवासियों को तुरंत सुरक्षित स्थान पर भेजा जाए.”
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