नयी दिल्ली, 15 मार्च दिल्ली की एक अदालत ने जमीन के बदले नौकरी के कथित घोटाले से जुड़े एक मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता एवं पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती को बुधवार को जमानत दे दी।
अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के वास्ते 29 मार्च के लिए सूचीबद्ध किया। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जमानत याचिका का विरोध नहीं किया।
यादव (74) का हाल ही में गुर्दे का प्रतिरोपण हुआ था। वह अदालत परिसर में ‘व्हील चेयर’ पर नजर आए। लालू सुबह करीब 10 बजे राउज़ एवेन्यू अदालत पहुंचे। हालांकि मामले की सुनवाई देर से शुरू हुई। परिवार के तीनों सदस्य पूर्वाह्न करीब 11 बजे न्यायाधीश गीतांजलि गोयल के समक्ष पेश हुए।
अदालत ने 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती को जमानत दी।
अदालत ने कहा कि सीबीआई ने मामले में किसी को गिरफ्तार किए बिना आरोपपत्र दाखिल किया है।
यह मामला लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार को कथित तौर उपहार में दी गई या बेची गई जमीन के बदले रेलवे में की गई नियुक्तियों से जुड़ा है।
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अपने आरोप पत्र में कहा कि भारतीय रेलवे के निर्धारित मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए रेलवे में नियुक्तियां की गईं।
इसमें नौकरी के बदले में उम्मीदवारों द्वारा सीधे या अपने करीबी रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के जरिए राजद प्रमुख एवं तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को बाजार दरों से काफी कम कीमत पर जमीन बेचने का भी आरोप लगाया गया है।
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने 27 फरवरी को प्रसाद की बेटी मीसा भारती समेत सभी आरोपियों को समन जारी किया था और उन्हें 15 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था।
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