ताजा खबरें | देश में अवसंरचना संबंधी किसी भी परियोजना के लिए धन की कमी बाधक नहीं ; गोयल

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि देश में अवसंरचना संबंधी किसी भी परियोजना के लिए न तो धन की कमी बाधक बनी है और न ही ऐसा होने दिया जाएगा।

नयी दिल्ली, पांच अगस्त वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि देश में अवसंरचना संबंधी किसी भी परियोजना के लिए न तो धन की कमी बाधक बनी है और न ही ऐसा होने दिया जाएगा।

उन्होंने शून्यकाल में कहा कि अगर ऐसी किसी परियोजना में विलंब हो रहा है तो इसका कारण समय पर जमीन का अधिग्रहण न हो पाना, कोई विवाद या कुछ और हैं। गोयल ने यह बात तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक द्वारा अवसंरचना संबंधी केंद्रीय परियोजनाओं में विलंब का मुद्दा सदन में उठाए जाने पर कही।

तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक ने पश्चिम बंगाल में स्मार्ट सिटी, सड़क, रेलवे, पेट्रोलियम सहित अवसंरचना संबंधी केंद्रीय परियोजनाओं में विलंब का मुद्दा सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि 1514 परियोजनाओं में से करीब 700 परियोजनाओं में अलग अलग कारणों से विलंब हो रहा है।

हक ने कुछ परियोजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि ये परियोजनाएं लंबे समय से अटकी हैं और इसका कारण कोविड महामारी से ले कर समय पर केंद्र की ओर से धन नहीं दिया जाना आदि हैं।

भारतीय जनता पार्टी की सुमित्रा ने एक अगस्त को मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक निजी अस्पताल में आग लगने का मुद्दा सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि पहले भी इस तरह के हादसे हुए हैं और लोगों की जान गई है। उन्होंने मांग की ऐसे हादसों से सबक सीख कर इनकी पुनरावृत्ति रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए ।

भारतीय जनता पार्टी के ही आदित्य प्रसाद ने झारखंड में अब तक पर्याप्त बारिश न होने की वजह से धान के बीज खराब होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वहां पर धान की रोपाई केवल बारह प्रतिशत ही हो पाई है। इसी दल के दीपक प्रकाश ने मांग की कि केंद्र सरकार को झारखंड में एक विशेष जांच दल भेज कर स्थिति का आकलन करना चाहिए।

बीजू जनता दल के अमर पटनायक ने कटाई के बाद समुचित रखरखाव और अवसंरचना के अभाव में अनाज तथा खाद्य सामग्रियों को होने वाले नुकसान का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि महंगाई तो एक समस्या है ही, लेकिन समुचित रखरखाव और अवसंरचना की व्यवस्था कर देश के ''फूड बास्केट'' में क्रांतिकारी बदलाव लाया जा सकता है।

तेलुगु देशम पार्टी के सदस्य कनकमेदला रवींद्र कुमार ने गोदावरी तथा पोलावरम परियोजना से जुड़ा मुद्दा सदन में उठाया। केसी (एम) के जोस के मणि ने मुल्लापेरियार बांध से जुड़ा मुद्दा उठाया।

आईयूएमएल के अब्दुल वहाब ने विश्वविद्यालयों में कोविड काल के बाद अनुसंधान के लिए धन की कमी होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने यूजीसी स्कालरशिप न मिलने की भी शिकायत की।

माकपा के जान ब्रिटस ने केरल के त्रिवेंद्रम रेलवे स्टेशन के एक टर्मिनल का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक दशक के बाद यह टर्मिनल कागजों पर ही है।

इससे पहले, बैठक एक बार के स्थगन के बाद साढ़े ग्यारह बजे पुन; शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने शेष रह गए वह आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए जो 11 बजे बैठक शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण पटल पर नहीं रखे जा सके थे। हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही शुरू होने के दो मिनट बाद ही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई थी।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\