
नयी दिल्ली, 26 जनवरी गणतंत्र दिवस परेड में रविवार को हरियाणा की झांकी के जरिये कुरुक्षेत्र में पांडवों और कौरवों के बीच हुए पौराणिक युद्ध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए श्रीमद्भगवद्गीता के संदेश को प्रदर्शित किया गया।
झांकी में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुए नवोन्मेष, महिला सशक्तीकरण और राज्य के लोगों की वीरता को भी दर्शाया गया।
झांकी के आगे वाले हिस्से में कुरुक्षेत्र के युद्ध मैदान को दर्शाया गया, जहां भगवान कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिया था। इस दृश्य में विशेष रूप से ज्योतिसर को प्रदर्शित किया गया। यह वह स्थान है, जहां भगवान ने दिव्य संदेश दिया था।
झांकी के मध्य भाग में हरियाणा की सांस्कृतिक धरोहरों को प्रदर्शित किया गया। इसमें सूरजकुंड मेले से प्रेरित शिल्प गाड़ी को दर्शाया गया, जिस पर सरकंडा शिल्प, चमड़े की जूतियों, फुलकारी, रेवाड़ी के पीतल के बर्तन और सुराही जैसी पारंपरिक हस्तशिल्प कलाओं को प्रदर्शित किया गया।
झांकी में ऐतिहासिक रूप से ग्रामीण हरियाणा को एक विकसित औद्योगिक राज्य के रूप में दर्शाया गया। इसमें केंद्र की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना को भी रेखांकित किया गया।
झांकी के अंतिम हिस्से में खेल क्षेत्र में हरियाणा के योगदान को दिखाया गया। हरियाणा को खेल महाशक्ति के रूप में प्रदर्शित किया गया, जिसने ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों समेत अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत को मिले कुल पदकों में 30 प्रतिशत से अधिक योगदान दिया।
राज्य के एथलीटों ने इस वर्ष 16 ओलंपिक और पैरालंपिक पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)