COVID-19: मध्य प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए वायुसेना ने संभाला मोर्चा
मध्यप्रदेश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर जिले में मेडिकल ऑक्सीजन की जल्द से जल्द आपूर्ति के लिए शुक्रवार से भारतीय वायु सेना ने मोर्चा संभाल लिया। इस जीवनरक्षक गैस की कमी से महामारी के मरीज और उनके परिजन पिछले कई दिन से परेशान हो रहे हैं।
भोपाल: मध्यप्रदेश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर जिले में मेडिकल ऑक्सीजन की जल्द से जल्द आपूर्ति के लिए शुक्रवार से भारतीय वायु सेना ने मोर्चा संभाल लिया। इस जीवनरक्षक गैस की कमी से महामारी के मरीज और उनके परिजन पिछले कई दिन से परेशान हो रहे हैं. शहर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की निदेशक अर्यमा सान्याल ने बताया कि वायुसेना के बड़े मालवाहक और परिवहन विमानों में शुमार "सी-17" के जरिये मेडिकल ऑक्सीजन के एक खाली टैंकर को इंदौर से गुजरात के जामनगर भेजा गया.
उन्होंने बताया कि खाली टैंकर के पिछले हिस्से के बार-बार फंसने के कारण इस वाहन को वायुसेना के विमान में चढ़ाने में बड़ी देर तक रुकावट आई, बाद में इंजीनियरों ने टैंकर के लोहे के मडगार्ड को काटकर अलग कर दिया जिसके बाद टैंकर को विमान के भीतर पहुंचाया जा सका. शहर में मेडिकल ऑक्सीजन से जुड़ी व्यवस्थाओं का जिम्मा संभाल रहे प्रशासनिक अफसर रोहन सक्सेना ने बताया, "हमने मेडिकल ऑक्सीजन के 30 टन क्षमता के खाली टैंकर को वायुसेना के जहाज से जामनगर भेजा। यह उड़ान केंद्र और राज्य सरकार के तालमेल से रवाना हुई. यह भी पढ़े: कोरोना संकट के बीच भारतीय रेलवे का बड़ा कदम, ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये चलाएगा एक्स्प्रेस ट्रेनें
उन्होंने बताया, "मेडिकल ऑक्सीजन टैंकर को सड़क मार्ग के जरिये इंदौर से जामनगर पहुंचने में आमतौर पर करीब 20 घंटे का समय लगता है, जबकि वायुसेना के विमान से यह घंटे भर में ही वहां पहुंच जाएगा. इस तरह हमारा काफी समय बचेगा. सक्सेना ने बताया कि जामनगर के एक संयंत्र से मेडिकल ऑक्सीजन भरवाने के बाद यह टैंकर सड़क मार्ग से इंदौर लौटेगा.
अधिकारियों ने बताया कि ऑक्सीजन से भरे कंटेनर की ढुलाई सैन्य विमानों से नहीं की जाती क्योंकि इस गैस को ज्वलनशील माना जाता है और इससे जहाज को खतरा हो सकता है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 98,112 मरीज मिले हैं। इनमें से 1,085 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)