मुंबई, 24 सितंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी के कथित तौर पर मुठभेड़ में मारे जाने को “भगवान का न्याय” करार दिया। पार्टी ने विपक्ष पर घटना पर संदेह करके “शहरी नक्सलियों” की बोलने का आरोप लगाया।
बदलापुर के एक स्कूल में किंडरगार्टन की दो छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे (24) के सोमवार शाम मुंब्रा बाईपास के पास कथित मुठभेड़ में मारे जाने के बाद महाराष्ट्र में सियासी घमासान मच गया है।
पुलिस के अनुसार शिंदे ने उसकी पूर्व पत्नी की शिकायत के आधार पर दर्ज मामले की जांच के सिलसिले में तलोजा जेल से बदलापुर ले जाते समय पुलिस वैन में एक पुलिसकर्मी की बंदूक कथित तौर पर छीन ली थी और गोली चलाई थी, जिसके बाद ‘आत्मरक्षा’ में पुलिस द्वारा चलाई गोली से वह मारा गया।
विपक्षी नेताओं ने “मुठभेड़ में शिंदे की मौत” की परिस्थितियों पर सवाल उठाए हैं।
वहीं, राज्य सरकार ने दावा किया है कि पुलिस ने तब “आत्मरक्षा” में शिंदे पर गोली चलाई, जब उसने एक पुलिस कर्मी की बंदूक छीन ली और गोली चला दी, जिससे एक सहायक निरीक्षक घायल हो गया।
महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) के नेताओं ने राज्य सरकार के दावे पर सवाल उठाते हुए घटना की न्यायिक जांच की मांग की है।
भाजपा की मुंबई इकाई के प्रमुख आशीष शेलार ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, “पुलिस ने ठोस सबूत जुटाए हैं। पुलिस ने उस पर (शिंदे पर) गोली चलाई, लेकिन विपक्षी दल घटना की परिस्थितियों पर सवाल उठा रहे हैं। विपक्षी दल ऐसे व्यवहार कर रहे हैं, मानो उनका ‘एनकाउंटर’ हो गया हो।”
शेलार ने एमवीए के घटक दलों-शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) और कांग्रेस पर महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के हर कदम पर संदेह करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “एमवीए नेता सत्ता के भूखे हैं। ये वही लोग हैं, जिन्होंने अफजल गुरु (2001 के संसद हमला मामले का दोषी कश्मीरी आतंकवादी, जिसे फांसी की सजा दी गई थी) के प्रति सहानुभूति व्यक्त की थी।”
पुलिस को पूर्ण समर्थन का दावा करते हुए शेलार ने कहा कि अक्षय शिंदे के साथ जो हुआ, वह उसकी नियति थी। उन्होंने कहा, “यह भगवान का न्याय था।”
शेलार ने राकांपा (एसपी) नेता शरद पवार की भी आलोचना की, जिन्होंने अक्षय शिंदे को तलोजा जेल से स्थानांतरित करने पर सवाल उठाया था और घटना की गहन जांच की मांग की थी।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया, “जब कोई पुलिस के खिलाफ आक्रामक हो जाए, तो उसे (पुलिस को) क्या करना चाहिए? जो व्यक्ति किसी पुलिसकर्मी की बंदूक पर हाथ डालता है, उसका हश्र अक्षय शिंदे जैसा ही होना चाहिए। विपक्षी दल ‘शहरी नक्सलियों’ से प्रेरित हैं।”
शेलार ने दावा किया कि विपक्षी गठबंधन प्रधानमंत्री, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को निशाना बनाकर यह गलत धारणा पैदा करने की कोशिश कर रहा है कि महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है।
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