देश की खबरें | खोरी गांव: न्यायालय ने नगर निगम से पात्र लोगों के पुनर्वास के लिए समय-सीमा बताने को कहा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को फरीदाबाद नगर निगम से खोरी गांव में रहने वाले पात्र लोगों के पुनर्वास के लिए जरूरी समय-सीमा बताने को कहा। अरावली वन क्षेत्र में आने वाले गांव में अनधिकृत भवनों को गिराया जा चुका है।

नयी दिल्ली, छह सितंबर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को फरीदाबाद नगर निगम से खोरी गांव में रहने वाले पात्र लोगों के पुनर्वास के लिए जरूरी समय-सीमा बताने को कहा। अरावली वन क्षेत्र में आने वाले गांव में अनधिकृत भवनों को गिराया जा चुका है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि इलाके में बड़ी संख्या में झुग्गियां विकसित होने या अनधिकृत निर्माण कार्य होने के हालात के लिए वह जिम्मेदारी तय करेगी। उसने नगर निगम के वकील से कहा कि निगम इस बात का अध्ययन कर सकता है कि पुनर्वास चाह रहे लोगों के आवेदनों की पड़ताल करने के बाद क्या एक सप्ताह के अंदर अंतरिम आवंटन किया जा सकता है।

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने साफ किया कि एक शपथपत्र के आधार पर अंतरिम आवंटन किया जा सकता है, जिसमें लिखा हो कि यदि व्यक्ति दस्तावेजों की वास्तविकता साबित नहीं कर सका या पात्रता के संबंध में अपने दावे सिद्ध नहीं कर सका तो उसे खुद परिसर छोड़ना होगा और ऐसा नहीं होने पर पुलिस उसे हटाएगी।

पीठ ने कहा, ‘‘यदि आज न्यूनतम दस्तावेजों के साथ आवेदन मिलता है जिनसे फाइल को आगे बढ़ाया जा सके तो दस्तावेजों के सत्यापन में छह सप्ताह लग सकते हैं। ऐसे में अंतरिम आवंटन किया जा सकता है ताकि व्यक्ति को आठ सप्ताह तक इंतजार नहीं करना पड़े, जब तक कि आप अंतिम निर्णय लेंगे।’’

इससे पहले निगम के वकील ने कहा था कि वे पात्र लोगों की सूची को जल्द अंतिम रूप दे सकते हैं और आवंटन शुरू कर सकते हैं।

जब पीठ ने आवेदन मिलने के बाद प्रक्रिया में लगने वाले समय के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि इसमें आठ सप्ताह लग सकते हैं।

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