विदेश की खबरें | ईरानी हमले में इजराइल को बहुत कम नुकसान पहुंचने की बात खामनेई ने अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकारी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. ईरानी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस्फहान शहर पर शुक्रवार को इजराइल की जवाबी कार्रवाई को लेकर भी कोई टिप्पणी नहीं की जबकि इजराइल की कार्रवाई के मद्देनजर ईरानी सैनिकों ने वायु रक्षा प्रणालियों का इस्तेमाल किया था और देश भर में वाणिज्यिक उड़ानों को रोक दिया गया था।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

ईरानी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस्फहान शहर पर शुक्रवार को इजराइल की जवाबी कार्रवाई को लेकर भी कोई टिप्पणी नहीं की जबकि इजराइल की कार्रवाई के मद्देनजर ईरानी सैनिकों ने वायु रक्षा प्रणालियों का इस्तेमाल किया था और देश भर में वाणिज्यिक उड़ानों को रोक दिया गया था।

खामनेई (85) ने ईरान की सेना, पुलिस और अर्द्धसैनिक रेव्यूलेशनरी गार्ड के शीर्ष स्तर के अधिकारियों की बैठक में कहा, ‘‘दूसरे दल इस बात को लेकर बहस कर रहे हैं कि कितनी मिसाइल दागी गयीं, कितनी मिसाइल निशाने पर लगीं और कितनी अपने लक्ष्य से चूक गयीं। यह हमारे लिए दूसरी प्राथमिकता है।''

खामनेई का बयान ईरान सरकार के स्वामित्व वाले टेलिविजन चैनल पर प्रसारित किय गया।

उन्होंने कहा, ''मुख्य मुद्दा ईरानी राष्ट्र का उदय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर ईरानी सेना की इच्छाशक्ति है। बस यही मायने रखता है।''

ईरान ने इजराइल के हवाई रक्षा तंत्र को भेदने के मकसद से 13 अप्रैल को सैकड़ों की संख्या में ड्रोन, बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइलें दागी थीं। इजराइल पर ईरान के इस हमले को 1991 के बाद दूसरा सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। उस समय इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन ने खाड़ी युद्ध के दौरान इजराइल पर स्कड मिसाइल दागी थीं।

इजराइल ने अमेरिका, ब्रिटेन और पड़ोसी जॉर्डन द्वारा समर्थित हवाई सुरक्षा तंत्र और लड़ाकू विमानों की मदद से अधिकतर मिसाइल को मार गिराया था।

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