मुंबई, 27 जून : वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने पुणे जिले में 2016 के एक भूमि सौदे से संबंधित कथित धनशोधन मामले में बृहस्पतिवार को यहां एक विशेष अदालत में स्वयं को आरोपमुक्त किए जाने का आग्रह करते हुए याचिका दायर की. खडसे की पत्नी मंदाकिनी खडसे और दामाद गिरीश चौधरी ने भी मामले में खुद को आरोपमुक्त किए जाने का आग्रह किया है. सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई करने वाले विशेष न्यायाधीश आरएन रोकड़े के समक्ष वकील स्वप्निल अंबुरे द्वारा आवेदन दायर किए जाने के समय खडसे दंपति अदालत में उपस्थित थे.
अदालत ने आरोपियों की याचिका पर मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा. महाराष्ट्र में पिछली भाजपा नीत सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे खडसे को 2016 में तब पद छोड़ना पड़ा था जब उन पर आरोप लगा कि उन्होंने अपनी पत्नी और दामाद के लिए पुणे के पास एक औद्योगिक क्षेत्र में सरकारी भूमि की खरीद को सुविधाजनक बनाने के वास्ते अपने पद का दुरुपयोग किया. ईडी ने आरोप लगाया है कि खडसे परिवार ने यह जमीन 3.75 करोड़ रुपये में खरीदी जबकि इसकी वास्तविक कीमत 31.01 करोड़ रुपये थी. भले ही खडसे और उनकी पत्नी को मामले में आरोपी के रूप में नामित किया गया है, लेकिन जांच एजेंसी ने उन्हें कभी गिरफ्तार नहीं किया. यह भी पढ़ें : Dementia Cases: डिमेंशिया के मामलों के लिए भविष्य में सबसे बड़ा जोखिम फैक्टर क्या है, अध्ययन में हुआ इसका खुलासा
खडसे के दामाद को जुलाई 2021 में गिरफ्तार किया गया था. उच्चतम न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने से पहले वह दो साल से अधिक समय तक जेल में रहे. लगभग चार दशकों तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े रहे खडसे ने पार्टी छोड़ दी थी और 2020 में वह अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में शामिल हो गए थे. इस साल अप्रैल में, उन्होंने घोषणा की थी कि वह जल्द ही अपनी मूल पार्टी भाजपा में लाटैंगे. हालाँकि, वह अभी तक इसमें औपचारिक रूप से शामिल नहीं हुए हैं.