मुंबई, आठ अप्रैल भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2022-23 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। इसके प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं...
- नीतिगत रेपो दर चार प्रतिशत के स्तर पर बरकरार, सीमांत स्थायी सुविधा दर और बैंक दर भी 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित।
- मुद्रास्फीति को निर्धारित लक्ष्य के भीतर रखने के लिए रिजर्व बैंक अपने नरम रुख को धीरे-धीरे वापस लेने पर ध्यान देगा।
- वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 7.8 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत किया गया, यह अनुमान चालू वित्त वर्ष में कच्चे तेल की औसत कीमत के 100 डॉलर प्रति बैरल पर रहने की धारणा पर आधारित।
- मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.7 प्रतिशत किया गया
- भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से आर्थिक परिदृश्य प्रभावित।
- रबी फसलों की उपज अच्छी रहने से ग्रामीण मांग में सुधार आने की उम्मीद, इससे संपर्क-सघन सेवाओं को मिलेगी तेजी।
- कारोबारी धारणा सुधरने, बैंक ऋण में तेजी आने और सरकार की पूंजीगत व्यय की योजनाओं से निवेश गतिविधियों को मजबूती मिलेगी।
- आरबीआई से विनियमित वित्तीय बाजारों के खुलने का समय 18 अप्रैल से महामारी-पूर्व की तरह 9 बजे होगा।
- युक्तिसंगत आवासीय ऋण मानकों को 31 मार्च 2023 तक बढ़ाया गया।
- आरबीआई जलवायु जोखिम एवं टिकाऊ वित्त पर परामर्श-पत्र लेकर आएगा।
- आरबीआई अपनी निगरानी वाली इकाइयों में उपभोक्ता सेवा संबंधी मानकों की समीक्षा के लिए एक समिति बनाएगा।
- यूपीआई के जरिये कार्ड-रहित नकदी निकासी की सुविधा का दायरा सभी बैंकों एवं एटीएम नेटवर्क तक बढ़ाया जाएगा।
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