इडुक्की (केरल), 30 मार्च केरल उच्च न्यायालय के जंगली हाथी ‘अरिकोम्बन’ को पकड़ने की अनुमति नहीं देने के फैसले के खिलाफ इडुक्की जिले के कई हिस्सों में लोगों ने प्रदर्शन किया और सड़कों को जाम कर दिया।
उच्च न्यायालय ने बुधवार को ‘अरिकोम्बन’ के संबंध में क्या कार्रवाई की जानी चाहिए, इस पर निर्णय करने के लिए पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। यह हाथी चावल की तलाश में राशन की दुकानों और घरों पर हमला कर देता है।
समिति पांच अप्रैल को अदालत को अपना फैसला बताएगी, जब तक हाथी को पकड़ने पर रोक लगा दी गई है।
टेलीविजन पर प्रसारित दृश्यों में, अदालत के फैसले के खिलाफ जिले की कई पंचायतों के लोग सड़कों पर नजर आ रहे हैं। कुछ इलाकों में यातायात भी जाम कर दिया गया।
विरोध-प्रदर्शन में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। प्रदर्शनकारी हाथी को क्षेत्र से हटाने की मांग कर रहे हैं।
बच्चों ने एक टीवी चैनल को बताया कि वे इस डर से स्कूल जाने से घबराते हैं कि कहीं हाथी बस पर हमला न कर दे।
कुछ लोगों ने कहा कि ‘अरिकोम्बन’ के अलावा कुछ अन्य हाथी भी हैं, जो उनके लिए खतरा बने हुए हैं। उन्होंने मांग की कि इन हाथियों को भी हटाया जाए।
इस बीच, केरल के वन मंत्री ए. के. ससींद्रन ने कहा कि अदालत के आदेश ने ‘‘ मामले को और जटिल बना दिया है।’’
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि सरकार वहां रहने वाले लोगों की दुर्दशा विशेषज्ञ समिति के समक्ष रखेगी और उन्हें क्षेत्र का दौरा करने के लिए मनाने का प्रयास करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम अदालत द्वारा अंतिम निर्णय करने के बाद ही आगे अपील कर सकते हैं।’’
हाथी से परेशान लोगों की चिंताओं को दूर करने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि कानून के तहत जो भी कदम उठाना संभव होगा सरकार उठाएगी।
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