देश की खबरें | केरल: सत्तारूढ़ माकपा ने शिक्षित महिलाओं को आतंकवाद की राह पर ले जाए जाने के खिलाफ आगाह किया

तिरुवनंतपुरम, 17 सितंबर केरल में धार्मिक अतिवाद और युवाओं को कथित तौर पर कट्टरपंथी बनाये जाने से जुड़ी चिंताओं पर तीखी बहस हो रही है, इस बीच सत्तारूढ़ माकपा ने यहां व्यावसायिक कॉलेजों में पढ़ रहीं युवतियों को लुभाकर सांप्रदायिकता व आतंकवाद की राह पर ले जाने के एक वर्ग की कोशिशों के प्रति आगाह किया है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि चरमपंथी ताकतें मुख्यधारा के मुस्लिम संगठनों में घुसपैठ कर रही हैं और केरल में इस मुद्दे को हवा देने की कोशिश कर रही हैं। माकपा ने यह भी कहा कि संघ परिवार से जुड़ी ताकतों की गतिविधियों ने अल्पसंख्यक समूहों में असुरक्षा की भावना पैदा की है।

वाम दल ने अपने कार्यकर्ताओं को भी इन मुद्दों को लेकर सतर्क रहने को कहा।

राज्य में पार्टी के आगामी सम्मेलनों की शुरुआत के संबंध में सत्तारूढ़ दल द्वारा तैयार एक आंतरिक नोट में ये महत्वपूर्ण टिप्पणियां की गईं।

''अल्पसंख्यक सांप्रदायिकता'' उपशीर्षक वाले नोट में कहा गया है कि इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। राज्य में ​​​​तालिबान जैसे आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने वाली बहस भी हो रही है, जिसकी लोकतांत्रिक दुनिया और मुस्लिम समुदाय ने एक सुर में निंदा की है।

नोट में कहा गया है, ''युवाओं को जानबूझकर सांप्रदायिकता और चरमपंथी विचारधाराओं के प्रति आकर्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। व्यावसायिक कॉलेजों में शिक्षित युवा महिलाओं को इस बारे में जागरूक करने के प्रयास जारी हैं। (माकपा के) छात्र संघ और युवा संगठन दोनों को इस मुद्दे पर विशेष ध्यान देना चाहिए।''

नोट में कहा गया है कि राज्य में ईसाई समुदाय के लोग आम तौर पर सांप्रदायिक विचारधाराओं का समर्थन नहीं करते, हालांकि हाल के दिनों में इस समुदाय के एक छोटे से वर्ग के बीच बढ़ रहे कट्टरपंथी प्रभाव को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

हालांकि, विपक्षी कांग्रेस ने माकपा से आरोपों के बारे में सबूत दिखाने का आग्रह किया क्योंकि यह राज्य में शासन करने वाली पार्टी द्वारा लगाया गया एक ''गंभीर'' आरोप है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''माकपा नेतृत्व को यह बताना चाहिए कि क्या इस संबंध में कोई मामला दर्ज किया गया है या क्या उनके पास अपने आरोपों को साबित करने के लिए कोई डेटा है। पार्टी और उसकी सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह उसे उजागर करे।''

भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे पर माकपा पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वह केरल को कथित तौर पर चरमपंथी ताकतों के लिए ''उर्वर भूमि'' में तब्दील कर रही है।

भाजपा नेता कुम्मनम राजशेखरन ने सवाल किया, ''अगर उन्होंने चरमपंथी ताकतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की होती तो वे राज्य में पैर नहीं जमा पाते। अब वे किस हक से कह रहे हैं कि आतंकवाद के खिलाफ सतर्कता बढ़ाई जानी चाहिए?''

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)