देश की खबरें | केरल: मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग का खुलासा, वीएसीबी ने जांच शुरू की

तिरुवनंतपुरम, 23 फरवरी केरल के सतर्कता और भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (वीएसीबी) ने सरकारी अधिकारियों, डॉक्टरों और एजेंट के संगठित नेटवर्क द्वारा फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज जमा कराकर बड़े पैमाने पर मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में अनियमितता किए जाने का खुलासा किया है।

कोष में धोखाधड़ी की पुष्टि करते हुए वीएसीबी निदेशक मनोज अब्राहम ने संवाददाताओं को बृहस्पतिवार को बताया कि एजेंसी ने खुफिया जानकरी और इस संबंध में शिकायतों के आधार पर पूरे राज्य में छापेमारी की कार्रवाई की है।

सीएमओ ने कुछ आवेदनों की जांच में फर्जी पाए जाने के बाद गबन की जांच का निर्देश दिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर छापेमारी की कार्रवाई की है। कई स्थानों पर अनियमितता का खुलासा हुआ है।’’

विभिन्न जिला कलेक्ट्रेट में सरकारी कर्मचारियों और सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर अब्राहम ने कहा कि उनके द्वारा भ्रष्टाचार के कोण की पुष्टि आने वाले दिनों में होने वाली जांच से होगी।

उन्होंने कहा कि जब आवदेकों का बयान दर्ज किया जाएगा तब जो मामले में संलिप्तता संबंधी उनकी विस्तृत भूमिका की जानकारी सामने आएगी।

उन्होंने कहा, कि यह अपराध कुछ जिलों में ही सीमित रहने का दावा करना जल्दबाजी होगा क्योंकि जांच के दौरान पाया गया कि राज्य के लगभग सभी जिलों में फर्जीवाड़ा किया गया है।

अब्राहम ने बताया कि वीएसीबी पूरे राज्य में औचक निरीक्षण कर रही है। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक शिकायतें कोल्लम जिले से आई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे संगठित फर्जीवाड़ा मानकर चल रहे हैं। इसके पीछे समर्पित टीम काम कर रही है। सत्यापन के दौरान हमने पाया कि एक खास जिले में एक एजेंट का मोबाइल नंबर कई आवेदनों में दर्ज था।’’

भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष के दो साल के दस्तावेजों का सत्यापन कर रही है। करीब 2000 फाइल की जांच की जा रही है।

इस बीच, मामले के खुलासे पर विपक्षी कांग्रेस ने हैरानी जताते हुए प्रकरण की जांच विशेष टीम से कराने की मांग की है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने कोच्चि में संवाददाताओं से कहा कि प्राथमिक जांच में ही विभिन्न जिलों में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का खुलासा हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस फर्जीवाड़े के पीछे सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के करीबी लोग हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अगर आरोपियों को बचाने की कोशिश की गई तो सरकार को विपक्ष द्वारा बड़े पैमाने पर किए जाने वाले विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ेगा।

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