केरल देवस्वोम मंत्री ने सबरीमला मंदिर के पवित्र जल का अपमान करने से जुड़ी आलोचनाओं को खारिज किया

सबरीमला मंदिर के पवित्र जल का कथित रूप से अपमान करने को लेकर सोशल मीडिया पर आलोचना झेल रहे केरल के देवस्वोम मंत्री के. राधाकृष्णन ने बृहस्पतिवार को आलोचनाओं को खारिज किया और कहा कि भगवान के पैसे चुराने वालों को उनसे डरना चाहिए और चूंकि उन्होंने कोई चोरी नहीं कि इसलिए उन्हें कोई डर नहीं है.

सबरीमाला मंदिर (Photo Credits : Wikimedia Commons)

तिरुवनंतपुरम, 18 नवंबर : सबरीमला मंदिर के पवित्र जल का कथित रूप से अपमान करने को लेकर सोशल मीडिया पर आलोचना झेल रहे केरल के देवस्वोम मंत्री के. राधाकृष्णन (K. Radhakrishnan) ने बृहस्पतिवार को आलोचनाओं को खारिज किया और कहा कि भगवान के पैसे चुराने वालों को उनसे डरना चाहिए और चूंकि उन्होंने कोई चोरी नहीं कि इसलिए उन्हें कोई डर नहीं है. मंत्री ने कहा कि कुछ चीजें हैं जिनका सेवन उन्होंने जीवन में कभी नहीं किया है और आस्था के नाम पर भी वह उनका सेवन नहीं करेंगे. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा उनकी आलोचना किए जाने के संबंध में प्रतिक्रिया पूछने पर मंत्री ने पत्रकारों से उक्त बातें कहीं. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए इस सप्ताह की शुरुआत में मंदिर खुलने पर मंत्री ने सबरीमला मंदिर के गर्भगृह के समक्ष हाथ नहीं जोड़े.

आलोचकों का यह भी कहना है कि मंत्री ने पुजारी द्वारा सेवन के लिए दिए गए पवित्र जल का सेनेटाइजर की तरह इस्तेमाल करके ‘तीर्थम’ का अपमान किया है. गौरतलब है कि पवित्र जल का सेवन नहीं करके उसे दोनों हाथों में मलने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. मंदिर की परंपरा के अनुसार, श्रद्धालुओं को पवित्र जल का सेवन करना होता है और बचा हुआ जल अपने सिर पर छिड़कना होता है. यह भी पढ़ें : स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट से पता चलता है कि समीर वानखेड़े मुस्लिम हैं: नवाब मलिक

राधाकृष्णन ने कहा, ‘‘मैं रोज अपनी मां का सम्मान करने के लिए हाथ नहीं जोड़ता. इसका मतलब क्या है, क्या मैं अपनी मां का सम्मान नहीं करता? बचपन से मेरा अपना तरीका है. मैं इस जल (तीर्थम) का सेवन नहीं करता. अगर कोई आस्था के नाम पर कहे, तब भी मैं इसका सेवन नहीं करूंगा.’’ मंत्री ने कहा कि उनकी अपनी सोच है, लेकिन वह दूसरों की आस्था को गलत नहीं कहेंगे. मंत्री ने यह भी कहा कि वह दूसरों की आस्था की रक्षा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.

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