कोच्चि, चार अक्टूबर केरल की एक विशेष अदालत ने वर्ष 2020 में 17 वर्षीय एक लड़की से दुष्कर्म और हत्या के मामले में बुधवार को एक व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए उसे दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
लोक अभियोजक बिंदु ने कहा कि एर्नाकुलम स्थित विशेष पॉक्सो अदालत के न्यायाधीश के. सोमन ने निर्देश दिया कि नाबालिग लड़की से दुष्कर्म और उसे गर्भवती बनाने के अपराध के दोषी सफर शाह को अपना बाकी जीवन जेल में बिताना होगा।
अदालत ने शाह को दोनों अपराधों में से हर एक के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 5(जे)(2) (नाबालिग लड़की से दुष्कर्म और उसे गर्भवती बनाना) के तहत शाह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसी तरह उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
बिंदु ने कहा कि अदालत ने लड़की का अपहरण करने और सबूतों को मिटाने के लिए भारतीय दंड संहिता के तहत दोषी को पांच-पांच साल जेल की अतिरिक्त सजा सुनाई और कहा कि दोषी पहले इन दोनों सजाओं को काटेगा फिर आजीवन कारावास की सजा की शुरुआत होगी।
अदालत ने दोषी पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। लोक अभियोजक ने कहा कि जब लड़की की हत्या की गई तब वह साढ़े चार महीने की गर्भवती थी।
डीएनए जांच की आधार पर अदालत ने शाह को लड़की से दुष्कर्म और उसे गर्भवती करने का दोषी ठहराया।
पीड़िता की हत्या करने के बाद उसका शव पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के वतत्तुपराई में चाय बागान में फेंक दिया गया था। अपहरण, दुष्कर्म और हत्या के मामले में सफर शाह को 2020 में गिरफ्तार किया गया था।
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