देश की खबरें | केजरीवाल वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 15 सूत्रीय कार्ययोजना 30 सितंबर को जारी करेंगे: गोपाल राय

नयी दिल्ली, 27 सितंबर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए अपनी सरकार की 15 सूत्रीय कार्ययोजना 30 सितंबर को जारी करेंगे।

गोपाल राय ने यहां एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘दिल्ली सरकार ने 5000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले निर्माण और विध्वंस के सभी स्थलों पर स्मॉग-रोधी उपकरण की तैनाती को अनिवार्य कर दिया है।’’

उन्होंने कहा कि इस निर्देश के उल्लंघन पर परियोजना से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके पहले धूल प्रदूषण की रोकथाम के लिए 20,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले निर्माण और विध्वंस के स्थलों पर स्मॉग-रोधी उपकरण लगाना अनिवार्य था।

उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम को लेकर तैयार इस कार्ययोजना के केंद्र में पराली प्रबंधन, धूल प्रदूषण, वाहन उत्सर्जन, खुले में कूड़ा जलाना, औद्योगिक प्रदूषण, सर्वाधिक प्रदूषण वाले स्थल, स्मॉग टॉवर, जन सहभागिता, पटाखा और पड़ोसी राज्यों के साथ संयुक्त कार्रवाई समेत अन्य मुद्दे हैं।

राय ने कहा कि जैसे ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) आदेश जारी करेगा, वैसे ही संशोधित चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्रवाई योजना (जीआरएपी) को लागू कर दिया जायेगा। जीआरएपी दिल्ली और आसपास के इलाकों में हालात की गंभीरता के अनुरूप वायु प्रदूषण रोधी उपायों का एक समूह है।

नयी योजना के तहत दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आस-पास के जिलों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के 450 के स्तर पर पहुंचने पर बीएस-4 चार पहिया डीजल वाहनों पर प्रतिबंध की बात शामिल है, लेकिन आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों छूट दी गई है।

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की 2017 की अधिसूचना के मुताबिक, जीआरपीए 15 अक्टूबर से प्रभाव में आयेगा, जब इस क्षेत्र की हवा खराब होनी शुरू हो जाती है। इसमें यह भी बताया गया है कि सूक्ष्म कण (पीएम-2.5 और पीएम-10) कें संकेद्रण स्तर के आधार पर प्रतिबंध लगाए जायेंगे।

सीएक्यूएम ने फैसला किया है कि अब जीआरएपी को एक अक्टूबर से लागू किया जाएगा।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए जीआरएपी को अब वायु गुणवत्ता के आधार चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है- चरण एक - 'खराब' (एक्यूआई 201-300), चरण दो- बहुत खराब (एक्यूआई 301-400), चरण तीन - गंभीर (एक्यूआई 401-450) और चरण चार- अधिक गंभीर (एक्यूआई 450 से अधिक)।

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