देश की खबरें | पीएलए की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं: सेना ने पूर्वी लद्दाख में स्थिति पर कहा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. थलसेना ने बुधवार को कहा कि भारतीय या चीनी पक्ष ने पूर्वी लद्दाख के उन इलाकों पर कब्जा करने की कोई कोशिश नहीं की है, जहां से वे फरवरी में पीछे हटे थे और क्षेत्र में टकराव के शेष मामलों को सुलझाने के लिए दोनों पक्ष वार्ता कर रहे हैं।

नयी दिल्ली, 14 जुलाई थलसेना ने बुधवार को कहा कि भारतीय या चीनी पक्ष ने पूर्वी लद्दाख के उन इलाकों पर कब्जा करने की कोई कोशिश नहीं की है, जहां से वे फरवरी में पीछे हटे थे और क्षेत्र में टकराव के शेष मामलों को सुलझाने के लिए दोनों पक्ष वार्ता कर रहे हैं।

थलसेना ने कहा कि वह क्षेत्र में बलों की संख्या समेत जनमुक्ति सेना (पीएलए) की गतिविधियों पर नजर रख रही है।

हाल में मीडिया की एक खबर में कहा गया था कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर वास्तवित नियंत्रण रेखा (एलएसी) को फिर से पार कर लिया है और दोनों पक्षों के बीच झड़प की कम से कम एक घटना हो चुकी है। सेना ने इस खबर को खारिज करते हुए एक बयान जारी किया।

थलसेना ने कहा, ‘‘इस साल फरवरी में सैन्य बलों के पीछे हटने संबंधी समझौते के बाद से किसी भी पक्ष ने उन क्षेत्रों पर कब्जे की कोई कोशिश नहीं की है, जहां से बलों को पीछे हटाया गया था।’’

उसने झड़प संबंधी खबर को गलत बताते हुए कहा कि गलवान या किसी अन्य क्षेत्र में कोई झड़प नहीं हुई है।

थलसेना ने कहा कि खबर में चीन के साथ हुए समझौतों के विफल होने की बात कही गई है, जो ‘‘झूठी और बेबुनियाद’’ है।

उसने कहा, ‘‘दोनों पक्ष शेष मामलों को सुलझाने के लिए वार्ता कर रहे हैं और संबंधित क्षेत्रों में नियमित गश्त जारी है। स्थिति पूर्ववत बनी हुई है। भारतीय थलसेना बलों की संख्या समेत पीएलए की गतिविधियों पर नजर रख रही है।’’

भारत और चीन के बीच पिछले साल मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में टकराव के कई बिंदुओं पर सैन्य गतिरोध बना हुआ है। दोनों पक्षों ने सैन्य एवं राजनयिक वार्ताओं के बाद फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तर एवं दक्षिण किनारों से अपने बलों एवं हथियारों को पीछे हटा लिया था। दोनों पक्ष टकराव के शेष क्षेत्रों से भी बलों को वापस बुलाने के लिए वार्ता कर रहे हैं।

चीन ने 11वें दौर की सैन्य वार्ता के दौरान अपने दृष्टिकोण में कोई लचीलापन नहीं दिखाया और टकराव के शेष क्षेत्रों से बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया आगे बढ़ती नहीं दिख रही है।

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