देश की खबरें | कर्नाटक: केआईएडीबी मुआवजा ‘धोखाधड़ी’ मामले में ईडी ने दो लोगों को गिरफ्तार किया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने 72 करोड़ रुपये के मुआवजे के कथित फर्जी वितरण से जुड़ी धनशोधन जांच के तहत कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) के एक सेवानिवृत्त अधिकारी और एक दलाल को गिरफ्तार किया है।
नयी दिल्ली, पांच सितंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने 72 करोड़ रुपये के मुआवजे के कथित फर्जी वितरण से जुड़ी धनशोधन जांच के तहत कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) के एक सेवानिवृत्त अधिकारी और एक दलाल को गिरफ्तार किया है।
ईडी ने एक बयान में कहा कि केआईएडीबी के सेवानिवृत्त विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी वसंतकुमार दुर्गप्पा सज्जन और मैबूब अल्लाबुक्श दुंदासी को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मंगलवार को हिरासत में लिया गया।
केआईएडीबी कर्नाटक में भूमि अधिग्रहण के लिए नोडल एजेंसी है।
धनशोधन का यह मामला धारवाड़ जिला सीआईडी द्वारा दर्ज प्राथमिकी और आरोपपत्र से उत्पन्न हुआ है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सज्जन और केआईएडीबी, धारवाड़ के कुछ अन्य अधिकारियों ने भूमि दलालों और कुछ अन्य आरोपियों के साथ ‘‘षड्यंत्र’’ रचा और भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजे के नाम पर सात व्यक्तियों को 19.99 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की।
संघीय एजेंसी ने कहा, ‘‘हालांकि, इन व्यक्तियों को पहले भी मुआवजा दिया जा चुका है। इससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है।’’
एजेंसी ने दावा किया कि यह पाया गया कि धोखाधड़ी से निकाली गई धनराशि फर्जी पहचान और पते के प्रमाण के साथ खोले गए बैंक खातों में हस्तांतरित कर दी गई थी।
ईडी ने कहा, "ये भुगतान फर्जी पहचान के साथ खोले गए बैंक खातों में किए गए और फिर फर्जी खातों के माध्यम से धन शोधन किया गया। इस धन का इस्तेमाल अचल संपत्ति, वाहन, आवासीय संपत्ति और सावधि जमा हासिल करने के लिए किया गया।"
ईडी ने कहा, ‘‘ये भुगतान फर्जी पहचान के साथ खोले गए बैंक खातों में किए गए और फिर फर्जी खातों के माध्यम से धनशोधन किया गया। इस धनराशि का इस्तेमाल अचल संपत्ति, वाहन, आवासीय संपत्ति और सावधि जमा हासिल करने के लिए किया गया।’’
एजेंसी द्वारा पिछले महीने कर्नाटक में 12 स्थानों पर इस मामले में छापेमारी की गई थी।
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