देश की खबरें | कालकाजी भगदड़ : मंदिर में बिजली आपूर्ति के सभी बिंदुओं की जांच के आदेश

नयी दिल्ली, चार अक्टूबर दिल्ली के कालकाजी मंदिर में प्रवेश करने के लिए कतार में खड़े 17 वर्षीय लड़के की करंट लगने से मौत के बाद भगदड़ मचने की घटना के आलोक में शुक्रवार को अधिकारियों ने बिजली आपूर्ति के सभी बिंदुओं की जांच करने का निर्देश दिया।

कालकाजी मंदिर प्राधिकरण के एक सदस्य ने कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और हम पीड़ित के परिवार के सदस्यों के साथ हैं।”

उन्होंने कहा, “नवरात्रि के दौरान कालकाजी मंदिर में बड़ी संख्या में लोग पूजा-अर्चना करते हैं। हमें पता चला है कि कुछ लोग अंदर जाने के लिए रेलिंग पर चढ़ गए। इस दौरान उनमें से एक ने बिजली के तार का सहारा लिया, जो लोहे की रेलिंग से छू गया।”

उन्होंने बताया कि जब 17 वर्षीय लड़के ने उसी रेलिंग को छुआ तो उसे करंट लग गया, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।

बुधवार और बृहस्पतिवार की दरमियानी रात मंदिर में प्रवेश के लिए लगी कतार में खड़े मयंक की करंट लगने से मौत हो गई थी। इसके बाद मची भगदड़ में छह लोग घायल हो गए।

प्राधिकरण के सदस्य ने कहा कि इस घटना के बाद हमने बिजली का काम करने वालों से मंदिर में बिजली आपूर्ति के प्रत्येक बिंदु की जांच करने और यह सुनिश्चित करने के लिये कहा है कि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न आए।

उन्होंने कहा कि मंदिर के स्वयंसेवकों को भीड़ को नियंत्रित रखने तथा ऐसी स्थिति से बचने के लिए एक बार में केवल 50 लोगों को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने को कहा गया है।

प्राधिकरण के सदस्य ने कहा, "कानून- व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों के साथ-साथ 500 से 600 से अधिक स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है।" उन्होंने कहा कि कड़ी निगरानी रखने के लिए उन्होंने 1,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं।

मयंक का अंतिम संस्कार शुक्रवार को किया गया।

मयंक के भाई रितिक शर्मा ने कहा, "हम अपने रिश्तेदारों के आने का इंतजार कर रहे थे। मयंक का अंतिम संस्कार आज किया गया।"

उन्होंने मंदिर प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।

इस साल कालकाजी मंदिर में हुई यह दूसरी घटना है। 28 जनवरी को एक कार्यक्रम के दौरान मंच गिरने से 45 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी जबकि 17 लोग घायल हो गए थे।

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