देश की खबरें | बृहस्पति और शनि ग्रह सदियों बाद बेहद नजदीक आएंगे
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारे सौरमंडल में दो बड़े ग्रहों का नजदीक आना बहुत दुर्लभ नहीं है। बृहस्पति ग्रह अपने पड़ोसी शनि ग्रह के पास से प्रत्येक 20 साल पर गुजरता है, लेकिन इसका इतने नजदीक आना खास है।
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारे सौरमंडल में दो बड़े ग्रहों का नजदीक आना बहुत दुर्लभ नहीं है। बृहस्पति ग्रह अपने पड़ोसी शनि ग्रह के पास से प्रत्येक 20 साल पर गुजरता है, लेकिन इसका इतने नजदीक आना खास है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि दोनों ग्रहों के बीच उनके नजरिए से सिर्फ 0.1 डिग्री की दूरी रह जाएगी। अगर मौसम स्थिति अनुकूल रहती है तो ये आसानी से सूर्यास्त के बाद दुनिया भर से देखे जा सकते हैं। यह घटना 21 दिसंबर 2020 को होने जा रही है। यह साल का सबसे छोटा दिन माना जाता है।
वांदरबिल्ट विश्वविद्यालय में खगोलशास्त्र के प्रोफेसर डेविड वेनट्रॉब ने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि यह कहना उचित होगा कि यह घटना आम तौर पर किसी व्यक्ति के जीवन में एक ही बार आता है।’’
उल्लेखनीय है कि इससे पहले जुलाई, 1623 में दोनों ग्रह इतने करीब आए थे लेकिन सूर्य के नजदीक होने की वजह से उन्हें देख पाना लगभग असंभव था।
वहीं, उससे पहले मार्च, 1226 में दोनों ग्रह करीब आए थे और इस घटना को धरती से देखा जा सकता था। इसके बाद से अब तक पहली बार हो रहा है जब यह खगोलीय घटना हो रही है और इसे देखा भी जा सकता है।
एपी स्नेहा धीरज
धीरज
1912 1218 केपकेनवरल
ननननजसजस
आवश्यक
.केपकेनवरल प्रादे 19
बृहस्पति शनि ग्रह नजदीक
आसमान में 21 दिसंबर को दिखेगा दुर्लभ नजारा, सदियों बाद बृहस्पति- शनि आएंगे नजदीक
केप केनावरल (अमेरिका), 18 दिसंबर (एपी) सौरमंडल में सोमवार को एक बड़ी खगोलीय घटना देखने को मिलेगी और इस दौरान दो बड़े ग्रह बृहस्पति और शनि एक दूसरे के बेहद नजदीक आ जाएंगे। ये दोनों ग्रह इससे पहले 17वीं शताब्दी में महान खगोलविद गैलीलियो के जीवनकाल में इतने पास आए थे।
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारे सौरमंडल में दो बड़े ग्रहों का नजदीक आना बहुत दुर्लभ नहीं है। बृहस्पति ग्रह अपने पड़ोसी शनि ग्रह के पास से प्रत्येक 20 साल पर गुजरता है, लेकिन इसका इतने नजदीक आना खास है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि दोनों ग्रहों के बीच उनके नजरिए से सिर्फ 0.1 डिग्री की दूरी रह जाएगी। अगर मौसम स्थिति अनुकूल रहती है तो ये आसानी से सूर्यास्त के बाद दुनिया भर से देखे जा सकते हैं। यह घटना 21 दिसंबर 2020 को होने जा रही है। यह साल का सबसे छोटा दिन माना जाता है।
वांदरबिल्ट विश्वविद्यालय में खगोलशास्त्र के प्रोफेसर डेविड वेनट्रॉब ने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि यह कहना उचित होगा कि यह घटना आम तौर पर किसी व्यक्ति के जीवन में एक ही बार आता है।’’
उल्लेखनीय है कि इससे पहले जुलाई, 1623 में दोनों ग्रह इतने करीब आए थे लेकिन सूर्य के नजदीक होने की वजह से उन्हें देख पाना लगभग असंभव था।
वहीं, उससे पहले मार्च, 1226 में दोनों ग्रह करीब आए थे और इस घटना को धरती से देखा जा सकता था। इसके बाद से अब तक पहली बार हो रहा है जब यह खगोलीय घटना हो रही है और इसे देखा भी जा सकता है।
एपी स्नेहा धीरज
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)