खेल की खबरें | जूनियर विश्व कप : ओलंपिक अनुभव, आक्रामक स्ट्राइकर और विश्वसनीय गोलकीपर पर भारत का भरोसा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Sports at LatestLY हिन्दी. भारत ने यहां चल रहे जूनियर महिला हॉकी विश्व कप में अपेक्षाओं से भी बेहतर प्रदर्शन करके अब तक तीन मैचों में 11 गोल दागे हैं जबकि उसके खिलाफ केवल दो गोल हुए हैं।

पोटचेफ्सट्रूम, छह अप्रैल भारत ने यहां चल रहे जूनियर महिला हॉकी विश्व कप में अपेक्षाओं से भी बेहतर प्रदर्शन करके अब तक तीन मैचों में 11 गोल दागे हैं जबकि उसके खिलाफ केवल दो गोल हुए हैं।

यह तीन ओलंपियन, आक्रामक स्ट्राइकर और बिचू देवी करिबाम के रूप में एक शानदार गोलकीपर के बिना संभव नहीं था।

भारतीय टीम अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) की इस प्रतियोगिता में जबर्दस्त प्रदर्शन करके नॉकआउट में पहुंची है। वह शुक्रवार को क्वार्टर फाइनल में दक्षिण कोरिया का सामना करेगी।

भारत का इस टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2013 में कांस्य पदक जीतना था। वह पिछली बार इसके लिये क्वालीफाई नहीं कर पाया था लेकिन इसके बावजूद उसे दक्षिण अफ्रीका में चल रहे टूर्नामेंट में खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।

भारत एक ऐसी टीम है जिसमें कप्तान सलीमा टेटे, स्ट्राइकर लालरेम्सियामी और शर्मिला देवी के रूप में तीन ओलंपियन हैं। पूल चरण में टीम ने इनके अनुभव का पूरा लाभ उठाया।

भारतीय उप कप्तान इशिका चौधरी ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए भी एक अच्छा मौका है कि वे (ओलंपियन) हमारे साथ अपना अनुभव साझा कर रहे हैं। वे तोक्यो में खेले थे और यह एक बड़ी उपलब्धि है। इससे अभी तक हमें काफी मदद मिली।’’

खिताब के दावेदारों में से एक जर्मनी भारतीय खिलाड़ियों के फिटनेस स्तर की बराबरी नहीं कर पाया था। भारत ने यह मैच 2-1 से जीता था। भारत ने वेल्स को 5-1 और मलेशिया को 4-0 से करारी शिकस्त देकर पूल डी में अपने सभी मैच जीते थे।

भारतीय अग्रिम पंक्ति में युवा मुमताज खान ने अब तक पांच गोल किये हैं। मिजोरम की लालरिनडिंकी ने गोल दागने के अलावा गोल करने में मदद पहुंचायी है।

गोलकीपर बिचू देवी की अगुवाई में भारतीय रक्षापंक्ति भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है। हाल में भारतीय सीनियर टीम की तरफ से पदार्पण करने वाली बिचू देवी ने कई गोल बचाये हैं। प्रत्येक गोल बचाने के बाद वह जश्न मनाती है।

सलीमा ने कहा, ‘‘बिचू बेहतरीन गोलकीपर है।’’

भारत के लिये हालांकि आगे की राह आसान नहीं होगी क्योंकि उसे मौजूदा चैंपियन अर्जेंटीना, मजबूत नीदरलैंड और जर्मनी से भिड़ना पड़ सकता है।

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