पत्रकार संगठनों ने विज्ञापन बंद करने के सोनिया गांधी के सुझाव का विरोध किया

प्रेस एसोसिएशन (पीए), इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन (आईजेयू), नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे-आई) और वर्किंग न्यूज कैमरामेन एसोसिएशन (डब्लूएनसीए) ने कहा कि इस तरह के उपाय संकट के समय में मीडिया की भूमिका को कमतर करने की तरह है और कांग्रेस प्रमुख का यह सुझाव काफी निराशाजनक है।

नयी दिल्ली, नौ अप्रैल सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा मीडिया को विज्ञापन देने पर प्रतिबंध लगाने के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सुझाव का गंभीर संज्ञान लेते हुए पत्रकार संगठनों ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस तरह का विचार ‘‘अदूरदर्शी’’ है और अगर इसे लागू किया जाता है तो यह उद्योग के लिए ताबूत में कील की तरह साबित होगा।

प्रेस एसोसिएशन (पीए), इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन (आईजेयू), नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे-आई) और वर्किंग न्यूज कैमरामेन एसोसिएशन (डब्लूएनसीए) ने कहा कि इस तरह के उपाय संकट के समय में मीडिया की भूमिका को कमतर करने की तरह है और कांग्रेस प्रमुख का यह सुझाव काफी निराशाजनक है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में सोनिया ने कोविड-19 से निजात पाने में विभिन्न सुझाव दिए जिसमें ‘‘टेलीविजन, प्रिंट और ऑनलाइन मीडिया के विज्ञापनों पर सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा दो वर्ष के लिए पूरी तरह प्रतिबंध लगाना’’ भी शामिल था।

मीडिया संगठनों ने साझा बयान जारी कर सुझाव को ‘‘पूरी तरह अदूरदर्शी और अतार्किक’’ करार दिया।

बयान में कहा गया है कि महामारी के कारण मीडिया उद्योग और खासकर प्रिंट मीडिया की वित्तीय हालत खराब हो गई है और कई अखबार छपना बंद हो गए हैं।

संगठनों ने कहा कि संकट के कारण देशभर में कई पत्रकारों की नौकरी चली गई है। उनका कहना है कि इस समय मीडिया का विज्ञापन रोकना उद्योग के ताबूत में कील ठोकने जैसा है। संगठनों ने कहा कि मीडिया की भूमिका घातक विषाणु से निजात पाने में काफी महत्वपूर्ण है।

संगठनों ने कहा कि इस संकट के कारण फर्जी सूचनाओं की बाढ़ आ गई है और लोग वास्तविक और विश्वसनीय खबरों के लिए तरस रहे हैं।

बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में पीए के अध्यक्ष और महासचिव क्रमश: जयशंकर गुप्ता और सी के नायक, आईजेयू के अध्यक्ष और महासचिव के. श्रीनिवास रेड्डी और बलविंदर सिंह जम्मू, एनयूजे-आई के अध्यक्ष और महासचिव रासबिहारी, प्रसन्न मोहंती और डब्लूएनसीए के अध्यक्ष और महासचवि क्रमश: एस एन सिन्हा और संदीप शंकर शामिल हैं।

सोनिया के सुझाव की इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी द्वारा निंदा किए जाने के एक दिन बाद यह बयान आया है।

न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने भी सोनिया गांधी के सुझाव की ‘‘कड़ी निंदा’’ की थी और कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष की अपील मीडियाकर्मियों के लिए ‘‘काफी हतोत्साहित’’ करने वाली है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)

Share Now

\