देश की खबरें | जोशीमठ मामला : न्यायालय ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए मंगलवार को उल्लेख करने को कहा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. जोशीमठ में जमीन धंसने की वजह से उत्पन्न संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए हस्तक्षेप का अनुरोध कर रहे एक याचिकाकर्ता से उच्चतम न्यायालय ने, उसकी अपील को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के उद्देश्य से मंगलवार को इसका उल्लेख करने को कहा है।

नयी दिल्ली, नौ जनवरी जोशीमठ में जमीन धंसने की वजह से उत्पन्न संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए हस्तक्षेप का अनुरोध कर रहे एक याचिकाकर्ता से उच्चतम न्यायालय ने, उसकी अपील को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के उद्देश्य से मंगलवार को इसका उल्लेख करने को कहा है।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से पेश हुए अधिवक्ता परमेश्वर नाथ मिश्रा से यह कहा। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने याचिका दाखिल की है।

अधिवक्ता परमेश्वर नाथ ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया जिस पर पीठ ने उन्हें प्रक्रिया का पालन करने और मंगलवार को फिर से उल्लेख करने के लिए कहा।

पीठ ने कहा, ‘‘मंगलवार को जब आपका मामला सूचीबद्ध किए जाने वाली सूची में हो तब उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद फिर से इसका उल्लेख करें ।’’

सरस्वती ने तर्क दिया है कि बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण के कारण जोशीमठ में यह संकट आया है। उन्होंने उत्तराखंड के लोगों को तत्काल वित्तीय सहायता और मुआवजा दिए जाने की मांग भी की है।

याचिका में मांग की गई है कि इस चुनौतीपूर्ण समय में जोशीमठ के निवासियों को पूर्ण समर्थन देने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को निर्देश दिया जाए।

याचिका में कहा गया है ‘‘मानव जीवन और उनके पारिस्थितिकी तंत्र की कीमत पर किसी भी विकास की जरूरत नहीं है और अगर ऐसा कुछ भी होता है, तो उसे युद्ध स्तर पर तत्काल रोकना राज्य और केंद्र सरकार का दायित्व है।’’

बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग स्थल औली का प्रवेश द्वार कहलाने वाला जोशीमठ भूमि अवतलन के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है।

जमीन धंसने की वजह से जोशीमठ धीरे-धीरे डूब रहा है और घरों, सड़कों तथा खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें आ रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई मकानों में दरारें आ गई हैं और कुछ तो धंसते जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोखिम वाले घरों में रह रहे 600 परिवारों को तत्काल वहां से हटा कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का आदेश दिया है।

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