श्रीनगर, 29 सितंबर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को दावा किया कि उन्हें फिर से नजरबंद कर दिया गया, क्योंकि उनकी जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में जाने की योजना थी।
मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘‘त्राल गांव में जाने की कोशिश करने के लिए आज फिर से मुझे फिर से नजरबंद कर दिया गया। इस गांव में सेना ने मारपीट की। यह कश्मीर की असली तस्वीर है, गणमान्य व्यक्तियों को भारत सरकार द्वारा सुरक्षित और निर्देशित पिकनिक टूर के बजाय यह दिखाया जाना चाहिए।’’
पीडीपी प्रमुख ने गुपकर रोड पर उनके आवास के मुख्य द्वार को कथित तौर पर अवरुद्ध कर रहे, सुरक्षाबलों के एक वाहन की तस्वीर भी पोस्ट की।
पूर्व मुख्यमंत्री ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि सेना के जवानों ने पुलवामा के सीर गांव में एक परिवार से मारपीट की और एक महिला सदस्य को घायल कर दिया। मुफ्ती ने कहा कि वह बुधवार को परिवार से मिलने जाने वाली थीं।
मुफ्ती ने मंगलवार को ट्वीट किया था, ‘‘त्राल में यगवानी शिविर की सेना ने गत रात घरों को लूटा और एक परिवार की बेरहमी से पिटाई की। गंभीर चोटों के कारण एक बेटी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह पहली बार नहीं है जब इस इलाके में, गांव के नागरिकों के साथ सेना ने मारपीट की है।’’
बहरहाल, सेना ने आरोपों से इंकार किया और कहा कि उसने 27 सितंबर को एक वास्तविक अभियान चलाया था।
श्रीनगर में रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘सैनिकों द्वारा सीर गांव में एक परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट के आरोप निराधार हैं। 27-28 सितंबर 2021 की रात को सेना द्वारा सीर में किसी से मारपीट नहीं की गई या तलाशी नहीं ली गई।’’
उन्होंने कहा कि 27 सितंबर की रात सेना का एक दल सीर में गश्ती पर गया था।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘गांव से गुजरने वाले अरपल नाला के नजदीक दल ने दो लोगों को नाला के पास बैठे हुए देखा। दोनों लोगों को बुलाया गया और जब उनसे पूछताछ की जा रही थी तो अली मोहम्मद चोपान नाम के व्यक्ति और उसके परिवार के लोग वहां आ गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही वे घर से बाहर आए, अली मोहम्मद चोपान की बेटी इशरत जान बेहोश हो गई और परिवार के सदस्य नारेबाजी करने लगे।’’ उन्होंने कहा कि चोपान परिवार ने अन्य ग्रामीणों को बुला लिया और सेना पर घर में तोड़फोड़ करने और लड़की को पीटने के आरोप लगाए।
उन्होंने कहा, ‘‘सेना के जवान न तो उनके घर के पास थे न ही उस लड़की के पास, जब वह बेहोश हुई।’’
प्रवक्ता ने बताया कि अली मोहम्मद चोपान, शबीर अहमद चोपान का पिता है जो आतंकवादियों को कथित तौर पर साजो-सामान मुहैया कराने के आरोप में जन सुरक्षा कानून के तहत जेल में बंद है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह परिवार जेईएम के मारे गए आतंकवादी अब्दुल हामिद चोपान से भी जुड़ा हुआ है जो 21 अगस्त 2021 को नागाबेरान में एक अभियान के दौरान मारा गया था।’’
प्रवक्ता ने कहा कि परिवार जैश के मारे गए आतंकवादी सैफुल्ला उर्फ लंबू को भी साजो-सामान मुहैया करा रहा था जो 31 जुलाई को मारा गया था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)