राज्यसभा में जया बच्चन ने उठाया हाथ से मैला ढोने की कुप्रथा का मामला

राज्यसभा में मंगलवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने हाथ से मैला ढोने और कचरा साफ करने की कुप्रथा, ओडिशा के संबलपुर रेलवे स्टेशन को बंद करने, कृषि क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को किसान की मान्यता देने और कोविड-19 से संबंधित जैव चिकित्सकीय कचरों के प्रबंधन का मामला उठाया गया और इनके समाधान के लिए समुचित कार्रवाई की मांग की गई।

जया बच्चन (Photo Credits: Instagram)

नई दिल्ली, 23 मार्च : राज्यसभा (Rajya Sabha) में मंगलवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने हाथ से मैला ढोने और कचरा साफ करने की कुप्रथा, ओडिशा (Odisha) के संबलपुर रेलवे स्टेशन को बंद करने, कृषि क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को किसान की मान्यता देने और कोविड-19 (COVID-19) से संबंधित जैव चिकित्सकीय कचरों के प्रबंधन का मामला उठाया गया और इनके समाधान के लिए समुचित कार्रवाई की मांग की गई. यह भी पढ़े:  महाराष्ट्र: सांसद नवनित रवि राणा ने लोकसभा स्पीकर को लिखा पत्र, बोलीं- शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने मुझे धमकाकर कहा तुझे भी जेल में डालेंगे

उच्च सदन में शून्यकाल में समाजवादी पार्टी की जया बच्चन ने हाथ से मैला ढोने और कचरा साफ करने की कुप्रथा का मुद्दा उठाया और कहा कि यह मामला कई बार संसद में उठा लेकिन आज भी उनकी परिस्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है.

उन्होंने कहा, ‘‘क्यों हम अभी तक उन्हें सुरक्षा नहीं दे पाए हैं? विकास के दावे होते हैं और चंद्रमा और मंगल पर पहुंचने की बात होती है लेकिन यह प्रथा अभी तक यह समाप्त नहीं हो सकी है.’’ उन्होंने कहा कि इससे होने वाली मौतें देश के साथ ही सदन में बैठे सांसदों के लिए भी शर्मिंदगी का विषय है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ नारेबाजी से काम नहीं चलेगा, काम करने से होगा.’’ बच्चन ने कहा कि रेलवे में इसी प्रकार की समस्या है और रेल मंत्रालय को इस पर ध्यान देना चाहिए. बीजू जनता दल के प्रसन्ना आचार्य ने संबलपुर रेलवे स्टेशन को बंद करने के रेल मंत्रालय के फैसले का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की.

उन्होंने कहा कि ठीक सौ साल पहले राष्ट्रपति महात्मा गांधी ने ओडिशा का पहली बार दौरा किया था और उस समय वह संबलपुर रोड स्टेशन पर ही उतरे थे और वहां एक जनसभा को भी संबोधित किया था.

उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे ने अब इस स्टेशन को बंद करने का फैसला किया है. इसके खिलाफ स्थानीय लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.’’ उन्होंने सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया.

बीजू जनता दल के ही अमर पटनायक ने कृषि क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं का मुद्दा उठाया और किसान की मान्यता देने की मांग की.

उन्होंने कहा कि किसानों की सरकारी परि में ऐसी महिलाओं को भी शामिल किया जाना चाहिए और किसानों को मिलने वाली सभी सुविधाएं भी उन्हें मुहैया कराई जानी चाहिए.

Share Now

\