देश की खबरें | जरांगे मराठा को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने के लिए अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करेंगे

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन छेड़ने वाले कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत कुनबी के रूप में वर्गीकृत करने की मांग को लेकर सोमवार आधी रात से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने की घोषणा की है। यह एक साल में उनका छठा अनशन होगा।

जालना (महाराष्ट्र), 16 सितंबर मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन छेड़ने वाले कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत कुनबी के रूप में वर्गीकृत करने की मांग को लेकर सोमवार आधी रात से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने की घोषणा की है। यह एक साल में उनका छठा अनशन होगा।

मराठा आरक्षण आंदोलन के केंद्र जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए जरांगे ने मांग की कि सरकार पूर्ववर्ती हैदराबाद प्रांत, ‘बॉम्बे प्रेसीडेंसी’ और सतारा संस्थान के ऐतिहासिक राजपत्रों को लागू करे, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया कि इनमें मराठा को कुनबी (कृषि समुदाय) के रूप में मान्यता दी गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘इन मांगों के लिए मेरे पास आमरण अनशन के अलावा कोई विकल्प नहीं है। आगामी विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ दलों के उम्मीदवारों की हार सुनिश्चित करने के अलावा मेरे पास कोई विकल्प नहीं है।’’

इस बीच, ओबीसी आरक्षण कार्यकर्ता नवनाथ वाघमारे ने चेताया है कि अगर जरांगे अनशन करते हैं तो वह मंगलवार से भूख हड़ताल शुरू करेंगे।

जरांगे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य के मंत्री छगन भुजबल के खिलाफ अपने आरोपों को दोहराया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘फडणवीस मराठा समुदाय को आरक्षण देने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। छगन भुजबल मराठा आरक्षण के खिलाफ ओबीसी को भड़काकर फडणवीस के इशारे पर राज्य में दंगे भड़काना चाह रहे हैं।’’

जरांगे ने धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग को लेकर अपना समर्थन दिया। जरांगे ने इससे पहले पिछले साल 29 अगस्त और 25 अक्टूबर को तथा 2024 में 10 फरवरी, 4 जून और 20 जुलाई को अलग-अलग तारीखों तक भूख हड़ताल की थी।

वहीं, वाघमारे ने जरांगे पर अनशन के नाम पर ‘ड्रामा’ करने का आरोप लगाया है। वाघमारे और उनके सहयोगी लक्ष्मण हेके ओबीसी श्रेणी के तहत मराठा को आरक्षण दिए जाने के खिलाफ हैं।

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