दिल्ली: प्रधानमंत्री जन-धन योजना के छह साल पूरे, 40.35 करोड़ लोगों को मिला फायदा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि वित्तीय समावेश के लिए राष्ट्रीय मिशन के रूप में छह साल पहले शुरू की गई प्रधानमंत्री जन-धन योजना से 40.35 करोड़ से अधिक लोगों को फायदा मिला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में जन-धन योजना की घोषणा की थी और उसी साल 28 अगस्त को इस योजना की शुरुआत हुई.
नई दिल्ली, 28 अगस्त: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को कहा कि वित्तीय समावेश के लिए राष्ट्रीय मिशन के रूप में छह साल पहले शुरू की गई प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) से 40.35 करोड़ से अधिक लोगों को फायदा मिला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में जन-धन योजना की घोषणा की थी और उसी साल 28 अगस्त को इस योजना की शुरुआत हुई.
सीतारमण ने इस योजना की छठीं वर्षगांठ के अवसर पर कहा, "पीएमजेडीवाई मोदी सरकार की जन-केंद्रित आर्थिक पहलों की आधारशिला रही है." उन्होंने कहा, "चाहे वह प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण हो, कोविड-19 वित्तीय सहायता हो, पीएम-किसान, मनरेगा के तहत वेतन में वृद्धि हो या जीवन और स्वास्थ्य बीमा कवर, पहला कदम था कि सभी व्यस्क को बैंक खाता मुहैया कराना, जिसे पीएमजेडीवाई ने लगभग पूरा कर लिया है."
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वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि वित्तीय समावेशन सरकार की राष्ट्रीय प्राथमिकता है क्योंकि यह समावेशी विकास का उत्प्रेरक है. बयान में कहा गया है कि इस खाते से गरीब लोगों को अपनी बचत औपचारिक वित्तीय प्रणाली में रखने का रास्ता खुला और इसके जरिए गांवों में अपने परिवारों तक पैसे भेजने के साथ ही उन्हें साहूकारों के चंगुल से निकलने में भी मदद मिली.
इस अवसर पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पीएमजेडीवाई ने बैंकिंग प्रणाली में इससे छूट गए लोगों को जोड़ा और 40 करोड़ से अधिक खाताधारकों को वित्तीय प्रणाली में शामिल किया गया, जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं और अधिकांश खाते ग्रामीण भारत के हैं. पीएमजेडीवाई खातों के तहत कुल जमा शेष राशि 1.31 लाख करोड़ रुपये और प्रति खाता औसत जमा राशि 3,239 रुपये है. सरकार ने 2018 में नई सुविधाओं और फायदों के साथ पीएमजेडीवाई के दूसरे संस्करण को पेश किया.
इसके तहत सरकार ने 28 अगस्त 2018 के बाद खोले गए खातों के लिए रुपे कार्ड पर मुफ्त आकस्मिक बीमा कवर देने का फैसला किया. साथ ही ओवरड्राफ्ट की सीमा भी बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई और बिना किसी शर्त 2,000 रुपये तक ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी गई. पिछले एक साल में लगभग 3.6 करोड़ जन धन खाते खोले गए और 19 अगस्त 2020 तक कुल जन-धन खातों की संख्या 40.35 करोड़ से अधिक थी.
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