देश की खबरें | जम्मू-कश्मीर: ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी, मैदानी इलाकों में बारिश से न्यूनतम तापमान शून्य से ऊपर पहुंचा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में ताजा बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश के कारण पहलगाम और गुलमर्ग को छोड़कर पूरी घाटी में रात का तापमान जमाव बिंदु से ऊपर चला गया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
श्रीनगर, 11 जनवरी कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में ताजा बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश के कारण पहलगाम और गुलमर्ग को छोड़कर पूरी घाटी में रात का तापमान जमाव बिंदु से ऊपर चला गया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने कहा कि सोनमर्ग, गुलमर्ग, तंगधार (कुपवाड़ा में) और कश्मीर के अन्य ऊंचाई वाले इलाकों में ताजा हिमपात हुआ है। उन्होंने कहा कि उत्तर और मध्य कश्मीर के मैदानी इलाकों में हल्की बारिश हुई।
मौसम कार्यालय ने कहा है कि दिन बढ़ने के साथ शाम या रात तक बर्फबारी या बारिश में धीरे-धीरे तेजी आएगी। मौसम विभाग ने कहा कि कुछ स्थानों, मुख्य रूप से ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी हो सकती है और बृहस्पतिवार को जम्मू के मैदानी इलाकों में व्यापक रूप से हल्की से मध्यम बर्फबारी या बारिश की संभावना है।
शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में कुछ स्थानों पर हल्की बर्फबारी या बारिश होने की संभावना है, जबकि इसके बाद 17 जनवरी तक मौसम मुख्य रूप से शुष्क बना रहेगा। पहलगाम और गुलमर्ग को छोड़कर समूची घाटी में रात के तापमान में वृद्धि होगी और तापमान शून्य से ऊपर रहेगा जिससे भीषण ठंड की स्थिति से राहत मिलेगी।
अधिकारियों ने कहा कि श्रीनगर में मंगलवार रात न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। काजीगुंड में न्यूनतम तापमान 1.6 डिग्री सेल्सियस, दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में न्यूनतम तापमान 0.7 डिग्री सेल्सियस, कुपवाड़ा में 1.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि बारामूला जिले के गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से तीन डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
कश्मीर वर्तमान में ‘चिल्लई कलां’ की चपेट में है, 40 दिनों की सबसे कठोर मौसमी अवधि में बर्फबारी की संभावना अधिकतम और सबसे अधिक होती है। चिल्लई कलां 21 दिसंबर को शुरू होता है और 30 जनवरी को समाप्त होता है। उसके बाद 20 दिनों तक ‘चिल्लई खुर्द’ (छोटी ठंड) और 10 दिनों तक ‘चिल्लई बच्चा’ होता है।
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