देश की खबरें | जाखड़ ने डल्लेवाल के अनशन को लेकर प्रतिद्वंद्वी दलों की आलोचना की

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. जाखड़ ने पंचकूला में पत्रकारों से कहा, “...उनकी जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है।”

जाखड़ ने पंचकूला में पत्रकारों से कहा, “...उनकी जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है।”

उन्होंने कहा, “माफ करें, मैं कठोर शब्दों का इस्तेमाल कर रहा हूं। वह व्यक्ति 27 दिनों से अनशन पर हैं। मुझे नहीं पता कि वह उस स्थिति में है या नहीं जहां वह अपने बारे में कोई सचेत निर्णय ले सकें।”

लेकिन खनौरी और शंभू सीमा पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे दो किसान संघों के समन्वयक किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने जाखड़ पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें और पंजाब भाजपा के अन्य नेताओं को दिल्ली जाना चाहिए और अपनी पार्टी की सरकार से आग्रह करना चाहिए कि वह अपना “हठ” छोड़ दे और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों पर सहमत हो।

पंधेर ने पूछा, “डल्लेवाल के 28 दिनों तक अनशन पर बैठने के बाद, वह (जाखड़) आज उनके बारे में चिंता जता रहे हैं। जब अनशन का आह्वान किया गया था, तब वह कहां थे? पंजाब भाजपा अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने मामले को सुलझाने के लिए क्या प्रयास किए?”

उन्होंने ने कहा, “जाखड़ को दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मिलना चाहिए। उन्हें पूछना चाहिए कि किसानों के मुद्दे पर सरकार के संसाधन क्यों खत्म हो जाते हैं।”

डल्लेवाल पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर बैठे हैं। किसानों ने उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए अधिकारियों की किसी भी कार्रवाई को रोकने की खातिर छोटी-छोटी चौकियां बना रखी हैं।

चिकित्सकों ने सोमवार को पुनः उनकी जांच की और उनकी हालत को “गंभीर” बताया, तथा चेतावनी दी कि किसी भी समय स्थिति बदतर हो सकती है।

सोमवार को पंचकूला में मीडिया से बातचीत में जाखड़ ने कहा कि प्रतिद्वंद्वी दलों और किसान संगठनों के नेता 70-वर्षीय बुजुर्ग के स्वास्थ्य के प्रति उदासीन रवैया दिखा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “एक बात जो चुभती है, वह यह है कि उनके अनशन को 27 दिन हो चुके हैं। पिछले 10 दिनों में नेता उनका हालचाल जानने के लिए खनौरी सीमा गए... लेकिन आज तक किसी ने यह नहीं कहा कि उन्हें अपना अनशन तोड़ देना चाहिए और उनका जीवन कीमती है।”

यहां तक ​कि हाल में उच्चतम न्यायाल ने भी उनके बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिंता जताई और अधिकारियों को उन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान करने तथा उन्हें अनशन तोड़ने के लिए मनाने का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा, “आज मैं किसान संघों से भी अपील करना चाहता हूं कि हमें पहले उनकी जान बचानी चाहिए।”

जाखड़ ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) में शामिल संगठनों से भी आग्रह किया कि वे डल्लेवाल से अनशन खत्म करने की अपील करें जो वर्तमान में शंभू और खनौरी में जारी आंदोलन का हिस्सा नहीं हैं।

जाखड़ ने एमएसपी को कानूनी गारंटी की मांग पर भी असहमति जताई।

खनौरी सीमा पर किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि डल्लेवाल दृढ़ हैं कि वह अपने जीवन का बलिदान देने को तैयार हैं, लेकिन एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की मांग नहीं छोड़ेंगे।

इस बीच, विभिन्न किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को अपनी मांगों की ओर ध्यान आकर्षित करने और डल्लेवाल के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए होशियारपुर में जिला प्रशासनिक परिसर (डीएसी) के सामने लगभग दो घंटे तक धरना दिया।

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