इटली पहला पश्चिमी देश है जो वायरस से बुरी तरह प्रभावित हुआ और यहां किसी भी देश की तुलना में सर्वाधिक करीब 19 हजार लोगों की मौत इस महामारी के कारण हुई है। अब यह शांतिकाल के दौरान लगाई गई सबसे कड़ी पाबंदियों में किस तरह से ढील दे, इसका उदाहरण पेश करने का प्रयास कर रहा है।
फिलहाल स्कूल बंद हैं और बच्चों को पार्क में खेलने की अनुमति भी नहीं है। घर के बाहर केवल 200 मीटर तक टहलने की इजाजत है और गैर आवश्यक गतिविधियों पर कड़े दंड लगाए जा रहे हैं।
पाबंदियों के कारण ही वायरस को फैलने से रोकने में सफलता दिख रही है। फिर भी अधिकारी अब विचार कर रहे हैं कि किस तरह से सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में सामाजिक दूरी बनाए रखी जाए, सामान्य दुकानें फिर से खोली जाएं और बिना खतरे के निर्माण इकाइयों को खोलने की अनुमति दी जाए।
प्रधानमंत्री गुइसेपे कोंटे ने इस हफ्ते इटली के लोगों से कहा, ‘‘निश्चित रूप से हम खुद को भ्रम में नहीं रख सकते कि हर चीज बदल जाएगी।’’
कोंटे ने शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ा दिया था।
सरकार को सलाह देने वाली एक तकनीकी समिति कोविड-19 के लिए जांच का दायरा बढ़ाने पर काम कर रही है ताकि पाबंदियों में ढील देने से पहले यह पता लगाया जा सके कि इटली में यह कितना व्यापक है ।
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