देश की खबरें | किसी मंत्री का इस्तीफा मांगना अनिवार्य नहीं है: राकांपा नेता ने मलिक को लेकर कहा

पुणे, दो मार्च धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक का बचाव करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा है कि अपराध साबित होने तक किसी मंत्री से इस्तीफा मांगना अनिवार्य नहीं है।

जयंत पाटिल ने मंगलवार को यहां पार्टी के एक समारोह के इतर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान स्पष्ट रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) के मंत्रियों को संकट में डालने के प्रयास किए जा रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने मंगलवार को कहा था कि गिरफ्तारी के बावजूद मलिक के कैबिनेट मंत्री बने रहने पर उनकी पार्टी आगामी बजट सत्र को चलने नहीं देगी। चंद्रकांत पाटिल के इस बयान के संबंध में सवाल किए जाने पर जयंत पाटिल ने कहा, ‘‘भाजपा को सत्र के दौरान मलिक पर अपना रुख पेश करने दीजिए और उसका उचित जवाब दिया जाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यदि मंत्रियों के खिलाफ हर रोज कोई न कोई कदम उठाया जा रहा है, तो उनका इस्तीफा लेना अनिवार्य नहीं है। यदि आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं, तो व्यक्ति इस्तीफा क्यों देगा?’’

जल संसाधन मंत्री पाटिल ने कहा, ‘‘(पूर्व गृह मंत्री) अनिल देशमुख के मामले में, जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था, तो हमने नासमझी में उनका इस्तीफा ले लिया था, लेकिन यह बाद में समझ आया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप गलत थे। हमारे मंत्रियों को संकट में डालने के प्रयास किए जा रहे हैं। हमने एक इस्तीफा ले लिया है, लेकिन अब हमें लगता है कि अन्य लोगों का इस्तीफा लेने की आवश्यकता नहीं है।’’

उन्होंने युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के बारे में कहा कि उन्हें निकालने और स्वदेश लाने के लिए केंद्र सरकार को अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता है।

जयंत पाटिल ने कहा, ‘‘करीब ढाई सप्ताह पहले, मैंने और कई अन्य ने यूक्रेन में फंसे छात्रों को बाहर निकालने का आग्रह किया था, लेकिन ऐसा लगता है कि हम थोड़ा देर से जागे। कोई बात नहीं। मैंने समाचार चैनलों से सुना है कि सरकार छात्रों को वापस लाने के लिए अतिरिक्त कदम उठा रही है।’’

मंत्री ने कहा कि उन्हें यूक्रेन में फंसे छात्रों के कई वीडियो मिल रहे हैं, जिन्होंने अब तक बाहर नहीं निकाले जाने पर निराशा जताई है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, केंद्र को अतिरिक्त प्रयास करने चाहिए।’’

यह पूछे जाने पर कि केंद्र सरकार के प्रयास पर्याप्त हैं या नहीं, उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह छात्र उन्हें निकाले जाने को लेकर आश्वस्त महसूस नहीं कर रहे हैं, जिस तरह छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, उसका अर्थ है कि हमारी ओर से कोई न कोई कमी हो रही है।’’

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