देश की खबरें | क्लबों के लिए महिला टीम रखना जरूरी, यह लाइसेंस के लिए मानढंड: कुशल दास

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के महासचिव कुशल दास ने कहा कि देश में क्लबों के लिए लाइसेंसिंग मानदंडों के तहत एक महिला टीम का होना अनिवार्य कर दिया गया है।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 18 जुलाई अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के महासचिव कुशल दास ने कहा कि देश में क्लबों के लिए लाइसेंसिंग मानदंडों के तहत एक महिला टीम का होना अनिवार्य कर दिया गया है।

दास ने एआईएफएफ से कहा, ‘‘ हमने लाइसेंसिंग मानदंडों में क्लबों के लिए एक मापदंड रखा है कि उनके पास एक महिला टीम होनी चाहिए। हालांकि यह ए या बी स्तर पर नहीं लेकिन कम से कम यह एक शुरुआत तो है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘ उम्मीद है कि जिस तरह से हमारे युवा विकास कार्यक्रम ने धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ी और अब काफी अच्छा कर रहा है। यही चीज हमारी महिला फुटबॉल के साथ भी होगी और अधिक से अधिक क्लब हमारी राष्ट्रीय प्रतियोगिता (हीरो आईडब्ल्यूएल) में टीमों को मैदान में उतारेंगे।’’

भारत में महिला फुटबॉल को लेकर पिछले दिनों लोकप्रियता बढ़ी है। देश में अगले साल फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप और एएफसी एशियाई कप 2022 का आयोजन होना है।

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इस लोकप्रियता का असर इंडियन वुमेन लीग में भी दिख रहा है जिसमें 2019-20 के सत्र में 12 टीमें भाग लेंगी।

दास ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि क्लबों को यह महसूस करना चाहिए कि महिला फुटबॉल बहुत महत्वपूर्ण है। महिला फुटबॉल पर महासंघ काफी ध्यान दे रहा है। मुझे लगता है कि इसमें फीफा अंडर -17 महिला विश्व कप 2021 और एएफसी महिला एशियाई कप 2022 मदद करेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ क्लबों को यह समझना चाहिए कि महिला फुटबॉल पर ध्यान देना जरूरी है और हीरो आईडब्ल्यूएल में एक टीम होनी चाहिए।’’

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