ताजा खबरें | राज्यसभा में उठा छात्रों की आत्महत्या का मुद्दा, जागरुकता अभियान चलाने की मांग की गई

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. छात्रों की आत्महत्या का मुद्दा उठाते हुए राज्यसभा में शुक्रवार को कांग्रेस के एक सदस्य ने मांग की कि इस बारे में जागरुकता अभियान चलाया जाना चाहिए और शिक्षकों को भी समुचित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वे छात्रों को मानसिक दबाव और निराशा से बाहर निकाल सकें।

नयी दिल्ली, दो फरवरी छात्रों की आत्महत्या का मुद्दा उठाते हुए राज्यसभा में शुक्रवार को कांग्रेस के एक सदस्य ने मांग की कि इस बारे में जागरुकता अभियान चलाया जाना चाहिए और शिक्षकों को भी समुचित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वे छात्रों को मानसिक दबाव और निराशा से बाहर निकाल सकें।

शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह एक गंभीर समस्या है और इसे केवल सरकार या राज्य सरकारों के ऊपर ही नहीं डाला जा सकता।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए पूरे समाज को सोचना चाहिए। करीब 3,5000 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं। इसकी वजह यह है कि कोई फेल हुआ या कोई अपेक्षित अंक नहीं ला पाया।’’

शुक्ला ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) ने परीक्षा पे चर्चा में जिक्र किया कि माता-पिता भी छात्रों पर दबाव डालते हैं जिसकी वजह से छात्र मानसिक रूप से दबाव में आ जाते हैं।’’

उनके अनुसार, हाल ही में एक सर्वे में पता चला कि दबाव, असफलता का डर, मानसिक तनाव, समर्थन का अभाव, आर्थिक कारण सहित कुल सात कारक आत्महत्या की मुख्य वजह होते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कोचिंग संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य के लिए विशेषज्ञ रखे जाने चाहिए। संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य के लिए विशेषज्ञ रखना अनिवार्य होना चाहिए। शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाए ताकि वे छात्रों को निराशा के दौर से निकाल सकें। व्यापक स्तर पर जागरुकता अभियान चलाया जाना चाहिए।’’

शुक्ला ने कहा ‘‘साथ ही छात्रों को यह समझाया जाना चाहिए कि फेल होने से सब कुछ खत्म नहीं हो जाता। साथ ही फर्स्ट ऐड की व्यवस्था होना चाहिए।’’

भाजपा के नबाम रेबिया ने अरुणाचल प्रदेश के लिए प्रशासनिक अधिकारियों का एक अलग कैडर स्थापित किए जाने का मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर का सबसे बड़ा राज्य अरुणाचल है लेकिन उसके पास प्रशासनिक अधिकारियों का कैडर नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘वहां अधिकारियों का तबादला होता है और फिर वह चले जाते हैं जिससे राज्य के विकास पर असर पड़ता है। वहां विकास के लिए अधिकारियों को कुछ साल रुकना चाहिए। इसीलिए वहां आईएएस, आईपीएस और आईएफएस का अलग कैडर बनाया जाना चाहिए।’’

आम आदमी पार्टी के डॉ अशोक कुमार मित्तल ने कहा कि अपराधों के बाद दर्ज की जाने वाली प्राथमिकी में स्पष्टता होनी चाहिए ताकि आगे की कार्रवाई की सही दिशा तय हो सके।

उन्होंने कहा कि कई मामले ऐसे हैं जिनमें मामूली अपराध के लिए तथाकथित अपराधी को जेल में डाल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि कई मामलों में प्राथमिकी गलत होती है। उन्होंने कहा कि जेल में क्षमता से अधिक कैदी हैं अत: इस पहलू पर विचार किया जाना चाहिए।

राजद के ए डी सिंह ने विमानन क्षेत्र में पायलटों की कमी का मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत दुनिया में विमानन क्षेत्र में तीसरा बड़ा बाजार है। सरकार भी देश में इस क्षेत्र का विस्तार कर रही है। लेकिन हमारे यहां अपेक्षित संख्या में पायलट नहीं हैं।’’

इंडियन यूनियन ऑफ मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अब्दुल वहाब ने केरल में ट्रेनों में अत्यधिक भीड़ होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से कुछ स्टेशनों के विकास का अनुरोध भी किया।

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सदस्य एन षणमुगम ने धनुषकोड़ी और श्रीलंका के तलईमन्नार के बीच पुल बनाए जाने का मुद्दा उठाया।

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