जरुरी जानकारी | इस्मा की चीनी का न्यूनतम विक्रय मूल्य बढ़ाकर 39.14 रुपये प्रति किलोग्राम करने की मांग

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. चीनी उद्योग के प्रमुख संगठन इस्मा ने मांग की है कि चीनी का न्यूनतम विक्रय मूल्य (एमएसपी) मौजूदा 31 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 39.14 रुपये प्रति किलोग्राम किया जाना चाहिए क्योंकि मिलों को उच्च उत्पादन लागत के कारण घाटे का सामना करना पड़ रहा है।

नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर चीनी उद्योग के प्रमुख संगठन इस्मा ने मांग की है कि चीनी का न्यूनतम विक्रय मूल्य (एमएसपी) मौजूदा 31 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 39.14 रुपये प्रति किलोग्राम किया जाना चाहिए क्योंकि मिलों को उच्च उत्पादन लागत के कारण घाटे का सामना करना पड़ रहा है।

मंगलवार को एक बयान में, भारतीय चीनी और जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (इस्मा) ने चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि की मांग की, जो फरवरी 2019 से 31 रुपये प्रति किलोग्राम पर कायम है।

बयान में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) पांच गुना बढ़ गया है, अब एफआरपी 2024-25 चीनी सत्र के लिए 340 रुपये प्रति क्विंटल है।

चीनी मूल्य (नियंत्रण) आदेश 2018 के तहत, एमएसपी निर्धारण में एफआरपी स्तर को ध्यान में रखा जाना चाहिए, लेकिन वर्तमान एमएसपी इन बढ़ती लागत को प्रतिबिंबित करने में विफल है।

बयान में कहा गया, ‘‘चूंकि चीनी उद्योग के राजस्व में 85 प्रतिशत से अधिक का योगदान देती है, इसलिए इस्मा इस बात पर जोर देता है कि चीनी की मिल गेट पर कीमत गन्ना खरीद लागत को पूरा करने और वित्तीय व्यवहार्यता का समर्थन करने के लिए पर्याप्त होनी चाहिए।’’

मौजूदा मिल पर चीनी की कीमतें औसतन 36.5 रुपये प्रति किलोग्राम हैं, जो कि 41.66 रुपये प्रति किलोग्राम की गणना की गई उत्पादन लागत से कम है।

इसका समाधान करने के लिए, इस्मा ने 39.14 रुपये प्रति किलोग्राम के एमएसपी की वकालत की है।

इस्मा ने कहा, ‘‘यह समायोजन सुनिश्चित करेगा कि मिलें वित्तीय रूप से लाभकारी बनी रहें और किसानों को समय पर भुगतान करें, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर दबाव डालने वाले बकाया से बचा जा सके।’’

एसोसिएशन ने कहा कि वृद्धि का उपभोक्ताओं पर न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि 60 प्रतिशत से अधिक चीनी का उपयोग उद्योगों द्वारा किया जाता है जो लागत को झेलने में सक्षम हैं।

इस्मा के अध्यक्ष एम प्रभाकर राव ने कहा, ‘‘उद्योग के घाटे को कम करने के लिए हमें चीनी के एमएसपी को बढ़ाने के लिए सरकार से तत्काल समर्थन की आवश्यकता है।’’

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