नयी दिल्ली, 21 मार्च : केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को वैश्विक मान्यता मिल रही है वहीं दूसरी ओर विपक्ष अपनी ‘‘गैर जिम्मेदाराना’’ टिप्पणियों और ‘‘निराधार’’ आरोपों से जानबूझकर संसद की कार्यवाही बाधित कर रहा है. संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ गोयल ने विपक्ष पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने से इनकार कर बार-बार उनका अपमान करने का भी आरोप लगाया. गोयल ने कहा कि सभापति द्वारा बुलाई गई बैठक में मंगलवार को भी कांग्रेस समेत कुछ दल शामिल नहीं हुए. उन्होंने कहा कि हालांकि वे अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा बुलाई गई बैठक में मौजूद थे. कांग्रेस ने गोयल पर पलटवार करते हुए कहा कि यह आरोप सदन के नेता की ओर से लगाया जा रहा है जिन्होंने अपने सांसदों से राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने से रोकने को कहा.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘आज सुबह राज्यसभा के सभापति ने विपक्ष के नेता खरगे जी को बोलने की अनुमति दी. वह अपनी बात रखने के लिए उठे लेकिन भाजपा सांसदों ने नारेबाजी करके उन्हें बोलने नहीं दिया. इसके बाद सभापति ने राज्यसभा की बैठक को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी.’’ उन्होंने सवाल किया कि यदि मोदी सरकार का ऐसा ही व्यवहार रहा तो गतिरोध कैसे टूटेगा? एक अन्य ट्वीट में रमेश ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री से जुड़े अडाणी घोटाले की जेपीसी की विपक्ष की मांग को पूरी तरह निराधार आरोपों पर राहुल गांधी से माफी मांगने की भाजपा की मांग से कैसे जोड़ा जा सकता है. जेपीसी गठित करने की मांग एक वास्तविक घोटाले पर है. माफी की मांग अडानी घोटाले से ध्यान भटकाने के लिए उठायी जा रही है जोकि एक धोखा है.’’ यह भी पढ़ें : कर्नाटक : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, संशय बरकरार
गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसे समय में जब केंद्रीय बजट की चौतरफा प्रशंसा हो रही है, मोदी को दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में पहचाना जा रहा है और भाजपा ने पूर्वोत्तर राज्यों में चुनाव जीते हैं, विपक्षी दल, विशेष रूप से कांग्रेस और उसके सहयोगी देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. राज्यसभा के सभापति द्वारा बुलाई गई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक और लोकसभा अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में संसद के बजट सत्र में जारी गतिरोध को दूर करने में कोई सफलता नहीं मिलने के बाद उन्होंने विपक्ष पर हमला बोला.