जरुरी जानकारी | आर्थिक रूप से एफटीए से अधिक प्रभावी साबित होगा आईपीईएफ : अमेरिकी वाणिज्य मंत्री

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नयी दिल्ली, नौ मार्च अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि आर्थिक रूप से हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचा (आईपीईएफ) भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से अधिक प्रभावी साबित होगा।

आईपीईएफ को अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अन्य भागीदार देशों द्वारा संयुक्त रूप से 23 मई को तोक्यो में जारी किया गया था।

आईपीईएफ के 14 भागीदार देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 40 प्रतिशत और वैश्विक वस्तुओं तथा सेवाओं के व्यापार के 28 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं।

यह ढांचा व्यापार, आपूर्ति श्रृंखला, स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था (कर और भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दे) से संबंधित चार स्तंभों पर आधारित है।

भारत ने व्यापार स्तंभ से बाहर रहने का विकल्प चुना है और आपूर्ति श्रृंखला, स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था से संबंधित शेष तीन स्तंभों में शामिल होने का फैसला किया है।

रायमोंडो ने कहा कि भारत के साथ किसी व्यापार समझौता पर फिलहाल चर्चा नहीं हो रही है और अमेरिकी कांग्रेस ने कहा है कि उसे एफटीए के लिए कोई जल्दी नहीं है।

उन्होंने कहा, ''मुझे उम्मीद है कि आईपीईएफ... मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह एफटीए की तुलना में कई मायनों में आर्थिक रूप से अधिक प्रभावशाली साबित होगा।''

उन्होंने कहा कि यह ढांचा आधुनिक व्यापार समझौते के समान होगा।

उन्होंने कहा कि आईपीईएफ दोनों देशों के बीच पारंपरिक एफटीए की तुलना में रोजगार सृजन में अधिक मदद करेगा।

सेमीकंडक्टर क्षेत्र में सहयोग के बारे में पूछने पर अमेरिकी वाणिज्य मंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच इस क्षेत्र पर औपचारिक चर्चा होगी।

उन्होंने कहा, ''मैं अपने समकक्ष (वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल) के साथ इस पर काम कर रही हूं। कल सीईओ मंच की आधिकारिक बैठकें और वाणिज्यिक संवाद होने हैं और हम सेमीकंडक्टर पर महत्वपूर्ण बात करेंगे। हम अमेरिकी सरकार और भारत सरकार के बीच एक औपचारिक चर्चा करेंगे।''

उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर डिजाइन और प्रौद्योगिकी पर भारत और अमेरिका के बीच तालमेल है।

रायमोंडो ने कहा कि सेमीकंडक्टर के लिए अमेरिका और दुनिया ताइवान पर बहुत अधिक निर्भर है और इस क्षेत्र में ''हमारी भारत सहित अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करने की इच्छा है।''

उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए दोनों देशों में बड़े अवसर हैं।

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