देश की खबरें | हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता में अहम योगदान देगा आईपीडीएमए: लेसिना

नयी दिल्ली, 11 जून भारत में अमेरिका की प्रभारी राजदूत पैट्रिशिया लेसिना ने कहा है कि क्वाड के अन्य सदस्य देशों के साथ मिलकर भारत और अमेरिका, हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए पेश की गई नई समुद्री पहल के तहत करीबी सहयोग करेंगे ताकि क्षेत्र की शांति, स्थिरता और समृद्धि में योगदान दिया जा सके।

गत माह तोक्यो में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में क्वाड नेताओं ने ‘इंडो पैसिफिक पार्टनरशिप फॉर मेरीटाइम डोमेन अवेयरनेस’ (आईपीडीएमए) की शुरुआत की थी, जिसका लक्ष्य मुख्य रूप से क्षेत्र में चीन के दबदबे की पृष्ठभूमि में समुद्री गतिविधि की निगरानी करना है।

अमेरिका का 246वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में लेसिना ने भारत-अमेरिका संबंधों की विवेचना की और कहा कि दोनों देश अपने लोगों के जीवन स्तर को सुधारने और वैश्विक भलाई के लिए लगभग हर क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “क्वाड के अन्य सदस्य देशों के साथ अमेरिका और भारत, ‘इंडो पैसिफिक पार्टनरशिप फॉर मेरीटाइम डोमेन अवेयरनेस’ (आईपीडीएमए) में करीबी सहयोग करेंगे, जिससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति, स्थिरता और समृद्धि में योगदान दिया जा सके।”

इस कार्यक्रम में विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा मौजूद थे। उन्होंने कहा कि हाल के दशकों में भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में परिवर्तन हुआ है और वर्तमान में वैश्विक समग्र रणनीतिक साझेदारी “360 डिग्री के दायरे में काम कर रही है।”

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच गहरा सहयोग, क्षेत्र में और विश्व स्तर पर स्थायित्व और समृद्धि का स्रोत है। अमेरिका-नीत हिंद प्रशांत आर्थिक ढांचा (आईपीईएफ) का हवाला देते हुए लेसिना ने कहा कि इसने क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक “परिवर्तनकारी नया दृष्टिकोण” पेश किया और इससे यह सुनिश्चित होगा कि खुले और नियम आधारित बाजार समृद्धि को और गति प्रदान करेंगे।

तोक्यो में क्वाड सम्मेलन से पहले अमेरिका के राष्ट्र्पति जो बाइडन ने आईपीईएफ की शुरुआत की थी। इस दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अन्य नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।

अमेरिका की प्रभारी राजदूत ने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी 75 साल पुरानी है तथा और मजबूत हो रही है। आज हम मिलकर जो कुछ भी करेंगे उससे अगले 25 साल का रास्ता खुलेगा और हमारे लोगों के जीवन, हिंद प्रशांत क्षेत्र और विश्व में सुधार होगा।”

उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका समानता, जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार जैसे मूल्य साझा करते हैं और यही इन दोनों देशों के बीच संबंधों का आधार है।

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