नयी दिल्ली, छह अगस्त सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में शुद्ध मुनाफा 20 फीसदी बढ़कर 392 करोड़ रुपये हो गया। फंसे कर्ज में कमी आने से बैंक का मुनाफा बढ़ा है।
बैंक ने शनिवार को शेयर बाजारों को बताया कि एक साल पहले की अप्रैल-जून तिमाही में बैंक को 327 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।
वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में बैंक की कुल आय घटकर 5,028 करोड़ रुपये रह गई जो पिछले वर्ष समान तिमाही में 5,607 करोड़ रुपये थी। उसका परिचालन से लाभ भी पिछले वर्ष के 1,202 करोड़ रुपये से घटकर 1,026 करोड़ रुपये हो गया है।
हालांकि बैंक की ब्याज से प्राप्त आय बढ़कर 4,435 करोड़ रुपये हो गई जो पिछले वर्ष समान तिमाही में 4,063 करोड़ रुपये थी। शुद्ध ब्याज मार्जिन बढ़कर 2.53 फीसदी हो गया। पिछले वर्ष समान अवधि में यह 2.34 फीसदी था।
बैंक की गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) का अनुपात पिछले वर्ष के 11.48 फीसदी से घटकर 9.03 फीसदी रह गया है। इसी तरह शुद्ध एनपीए भी 3.15 से घटकर 2.43 फीसदी हो गया है। इसती वजह से फंसे कर्ज के लिए प्रावधान भी 1,010.15 करोड़ रुपये से घटाकर 132.73 करोड़ रुपये रहा।
फंसे कर्ज के लिए वित्तीय प्रावधान की जरूरत कम पड़ने से बैंक के शुद्ध लाभ में वृद्धि हुई है।
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