आईओए . मंत्रालय विवाद पर बोले रीजीजू, एनएसएफ की स्वायत्ता हर हालत में बरकरार रहे
रीजीजू ने यह बयान उन खबरों के बाद दिया है जिनमें भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने आरोप लगाया था कि मंत्रालय राष्ट्रीय खेल महासंघों के कामकाज में दखल देने की कोशिश कर रहा है ।
नयी दिल्ली, 18 अप्रैल खेलमंत्री किरेन रीजीजू ने शनिवार को कहा कि सरकार का राष्ट्रीय खेल महासंघों के कामकाज में दखल देने का कोई इरादा नहीं है और महासंघों की स्वायत्ता हर हालत में बरकरार रहनी चाहिये ।
रीजीजू ने यह बयान उन खबरों के बाद दिया है जिनमें भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने आरोप लगाया था कि मंत्रालय राष्ट्रीय खेल महासंघों के कामकाज में दखल देने की कोशिश कर रहा है ।
रीजीजू ने एक बयान में कहा ,‘‘ मुझे राष्ट्रीय खेल महासंघों के कामकाज की स्वायत्ता को लेकर आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा की चिंताओं के बारे में मीडिया रपटों से पता चला है कि खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) रोजमर्रा के कामकाज में दखल की कोशिश कर रहे हैं ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ राष्ट्रीय खेल महासंघों की कामकाज की स्वायत्ता हर हालत में बरकरार रखनी होगी । महासंघों में राष्ट्रीय खेल संहिता का पालन और अच्छा प्रशासन उसके कामकाज में पारदर्शिता और निष्पक्षता की आधारशिला हैं ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ सरकार का काम महासंघों को खेल के प्रचार और प्रसार के लिये जरूरी सहयोग देना और यह सुनिश्चित करना है कि खिलाड़ियों के हितों पर आंच नहीं आये।’’
इस मामले ने उस समय तूल पकड़ लिया जब बत्रा ने साइ की टाप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम) के सीईओ राजेश राजागोपालन पर महासंघों के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाया ।
रीजीजू ने कहा कि आईओए, मंत्रालय और राष्ट्रीय खेल महासंघों का साझा लक्ष्य देश में खेलों के ढांचे को बेहतर बनाकर भारत को खेल महाशक्ति बनाना है ।
उन्होंने कहा ,‘‘ खेल मंत्रालय, आईओए और एनएसएफ देश में खेलों के समग्र ढांचे को बेहतर बनाने के लिये काम कर रहे हैं । इसमें फोकस प्रतिभाओं को जमीनी स्तर पर तलाशने और उन्हें बेहतर प्रशिक्षण देने पर फोकस रहना चाहिये ।’’
उन्होंने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को मिलकर इस दिशा में काम करना चाहिये और इसके लिये सबके बीच बेहतर तालमेल होना चाहिये ।
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