राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा नीट में ‘धांधली’ को लेकर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा- सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो मामले की जांच
Photo- Facebook

नयी दिल्ली, 8 जून : कांग्रेस ने स्नातक स्तर पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ में धांधली का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि इसकी उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच होनी चाहिए, ताकि प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को न्याय मिल सके. राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) का परिणाम गत चार जून को घोषित किया गया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, "पेपर लीक, धांधली और भ्रष्टाचार नीट समेत कई परीक्षाओं का अभिन्न अंग बन गया है. इसकी सीधी ज़िम्मेदारी मोदी सरकार की है." उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों के लिए भर्ती परीक्षाओं में भाग लेना, फिर विभिन्न अनियमितताओं से जूझना, पेपर लीक के चक्रव्यूह में फंसना- उनके भविष्य से खिलवाड़ है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा ने देश के युवाओं को ठगा है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि उच्चतम न्यायालय की देखरेख में एक उच्च-स्तरीय जांच होनी चाहिए, जिससे नीट व अन्य परीक्षाओं में भाग लेने वाले हमारे प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को न्याय मिले." कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "पहले नीट परीक्षा का पेपर लीक हुआ और अब छात्रों का आरोप है कि इसके परिणाम में भी भ्रष्टाचार हुआ है. एक ही सेंटर के छह छात्रों को 720 में से 720 अंक मिलने पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और कई तरह की अनियमितताओं की बातें सामने आ रही हैं. दूसरी ओर, परिणाम आने के बाद देश भर में कई बच्चों के आत्महत्या करने की खबरें हैं. यह बहुत दुखद और झकझोरने वाला है." यह भी पढ़ें : UP: ‘मुस्लिम’ बनकर हिंदू शख्स ने फैलाई नफरत, चुनावी नतीजों पर बनाया भड़काऊ वीडियो, जानें कैसे पकड़ा गया धीरेंद्र राघव

उन्होंने सवाल किया कि सरकार लाखों छात्रों की आवाज को अनसुना क्यों कर रही है? प्रियंका गांधी ने कहा, "छात्र-छात्राओं को नीट परीक्षा के परिणाम में धांधली से जुड़े वाजिब सवालों के जवाब चाहिए. क्या सरकार की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वह जांच कराकर इन वाजिब शिकायतों का निस्तारण करे?" कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी इस मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की. उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में लाखों परीक्षार्थियों के साथ घोटाला पूरी तरह से अस्वीकार्य और अक्षम्य है. यह देश के लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ सीधा खिलवाड़ है, जिसकी उच्चतम न्यायालय की देखरेख में उच्च-स्तरीय जांच तुरंत होनी चाहिए." उन्होंने कहा, "इस साल पहले इसमें पेपरलीक होने का समाचार आया, जिसे दबा दिया गया. अब मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के कई परीक्षार्थियों ने छात्रों के अंक बढ़ाए जाने के आरोप लगाए हैं. छात्रों का कहना है कि इस बार रिकॉर्ड 67 परीक्षार्थियों ने टॉप रैंक हासिल की और इनमें से छह अभ्यर्थी तो एक ही परीक्षा केंद्र से बताए जा रहे हैं."

रमेश का कहना है, "सवाल यह है कि आखिर छात्रों के साथ ये धोखा कैसे हुआ? किसने किया और क्यों यह परिणाम जानबूझकर चार जून को चुनाव नतीजों के शोर में घोषित किया गया, जबकि इसे 14 जून को घोषित होना था?" उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने सफ़ाई तो दी है, पर इस सफाई को प्रभावित छात्रों द्वारा बेहद सतही और ग़ैर-भरोसेमंद बताया जा रहा है. कांग्रेस नेता ने कहा, "ऐसे में छात्रों की इस परीक्षा की शुचिता में विश्वास बहाली बेहद ज़रूरी है, जो निष्पक्ष और पारदर्शी जांच से ही संभव है." कांग्रेस नेता और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के प्रभारी कन्हैया कुमार ने कहा कि गड़बड़ी पाए जाने पर नीट की परीक्षा फिर से होनी चाहिए. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘नीट परीक्षा से जुड़े मुद्दों की पुनर्समीक्षा की जाए. जो शिकायत कर रहे हैं, उसका समाधान किया जाए. उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच हो. जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर दोबारा परीक्षा होनी चाहिए.’’