नयी दिल्ली, एक सितंबर केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच को प्रभावित करने के लिए देशमुख की टीम से रिश्वत लेने के आरोप में अपने उपनिरीक्षक को बुधवार गिरफ्तार कर लिया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
उन्होंने बताया कि इससे पहले सीबीआई ने देशमुख के वकील आनंद डागा और अपने उपनिरीक्षक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की की थी।
सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा, ‘‘सीबीआई ने अपने उपनिरीक्षक, नागपुर के एक वकील और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ रिश्वत समेत कुछ आरोपों में मामला दर्ज किया है। मामले की जांच के दौरान सीबीआई ने आज उपनिरीक्षक को गिरफ्तार कर लिया है। उक्त अधिवक्ता से पूछताछ की जा रही है। इलाहाबाद और दिल्ली में छापे मारे गए।’’
देशमुख को कथित तौर पर क्लीन चिट देने संबंधी प्राथमिक जांच की रिपोर्ट शनिवार रात लीक हो गई थी।
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने रिपोर्ट के लीक होने की जांच शुरू की जिसमें अब तक पता चला है कि देशमुख की टीम ने एजेंसी के एक उप निरीक्षक रैंक के अधिकारी को कथित तौर पर रिश्वत देकर उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच (पीई) को प्रभावित करने की कोशिश की।
केंद्रीय एजेंसी ने बुधवार को देशमुख के दामाद गौरव चतुर्वेदी और वकील आनंद डागा से अपनी जांच को लेकर पूछताछ की जिसके बाद एक प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि सीबीआई को अब तक चतुर्वेदी की संलिप्तता का पता नहीं चला है और उन्हें जाने दिया गया।
एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-’ को बताया, ‘‘अनिल देशमुख की टीम का प्रयास बम्बई उच्च न्यायालय की अवमानना है, जिसने निर्देश दिया था कि सभी संबंधित पक्षों को प्रारंभिक जांच करते समय सीबीआई का पूरा सहयोग करना चाहिए। इस मामले में ऐसा प्रतीत होता है कि देशमुख की टीम ने पीई को प्रभावित करने की कोशिश की।’’
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